महान पुरुषों की निंदा करने वाला ही दोषी नहीं, उसे सुनने वाला भी दोषी होता है|' यह कथन किस महापुरुष का है?
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bhagavan shri krishna ka
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ईश्वरचन्द्र विद्यासागर
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ईश्वरचन्द्र विद्यासागर एक विद्वान महापुरुष थे। वह लोगों का सदा हित करते थे और उनको लाभ ही पहुँचाते थे। उन्होंने अनुभव किया कि कुछ लोग उनकी निन्दा करते थे तथा उनसे ईर्ष्या का भाव रखते थे। उन्होंने अपना तजुर्बा प्रकट करते हुए कहा-तुम्हारी निन्दा वही करेगा, जिसकी तुमने भलाई की है।
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