Hindi, asked by saaif2572, 1 year ago

महान सम्राट अशोक ने घोषणा की कि वह प्रजा के कार्य और हित के लिए 'हर स्थान पर और हर समय' हमेशा उपलब्ध हैं। हमारे समय के शासक/लोक-सेवक इस कसौटी पर कितना खरा उतरते हैं? तर्क सहित लिखिए।

Answers

Answered by nikitasingh79
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सम्राट अशोक प्रजा के कार्य और हित के लिए हर स्थान और हर समय उपलब्ध रहते थे, लेकिन हमारे समय के शासन के अधिकांश लोकसेवक इस कसौटी पर बिल्कुल खरे नहीं उतरते। वे ऐसा कोई काम नहीं करते जिससे उन्हें कोई लाभ न होता हो या वह प्रशंसा बटोरने के लाभ से वंचित रहते हो। मैं दिखावे और लाभ प्राप्ति के लिए सदा चिंतित रहते हैं। यदि वे किसी सामाजिक या धार्मिक सेवा में सम्मिलित भी होते हैं तो केवल सम्मान और प्रशंसा बटोरने के लिए। उनमें लोकसेवा या समाज सेवा का कोई भाव नहीं है। स्वार्थ केंद्रित भावों  पर टिकने वाले हमारे समय के शासक या लोकसेवक सम्राट अशोक जैसे नहीं हो सकते।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answered by palsreeparna08
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Answer:

हमारे समय में शासक वर्ग यानी नेता प्रजा के कार्य और भलाई के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। वे चुनाव के वक्त दिखते हैं और जनता के कल्याण के लिए लंबी-चौड़ी घोषणाएँ तथा वायदे करते हैं। जीत जाने के बाद वे अपना शक्ल नहीं दिखाते। जनता की समस्याओं को सुनने, समझने और हल करने में रुचि नहीं होती। उन्हें तो चुनाव के समय जनता याद आती है।

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