महानगरों में महिलाओं की सुरक्षा के विषय में समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए ।
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Answer:
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
अमर उजाला दिल्ली ,
विषय: शिमला में बढ़ती बंदरो की संख्या में।
महोदय,
मैं अपने लोकप्रिय अमर उजाला समाचार पत्र के माध्यम से शिमला सरकार के अधिकारियों का ध्यान महानगरों में महिलाओं की सुरक्षा के विषय में बताना चाहता हूँ | महानगरों में महिलाओं के रहना बहुत मुश्किल हो गया है| वह अकेले बहार नहीं जा सकती रात हो या दिन उन्हें डर लगा रहता है , उनके साथ कोई गलत काम न कर दे | आज कल रेप केस बढ़ते जा रहे है , लोग छोटे-छोटे बच्चों को नहीं छोड़ रहे है | महिलाओं की सुरक्षा के कदम लेने चाहिए | जैसे महिलाओं की सुरक्षा पुलिस का काम है। उनको महिलाओं की सुरक्षा के लिए सब जगह सतर्क रहना चाहिए।" महिलाओं की सुरक्षा के लिए सी.सी.टी.वी कैमरा होना जरूरी ऑफिस मैं कालेज मैं, स्कूल मैं सब जगह निगरानी रखी जाये । और हेल्प लाइन नंबर भी देने चाहिए । महिलाओं को आश्वासन देने के लिए पुलिस को उचित नीतियाँ बनानी चाहिए।" ताकी महिलाएं आजादी से अपना जीवन व्यतीत कर सके | पढ़ाई कर सके , बहार जॉब के लिए जा सके | मेरा केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वे इस संबंध में कठोर कार्यवाही करें|
धन्यवाद!
भवदीया
राहुल शर्मा |
महानगरों में महिलाओं की सुरक्षा के विषय में समाचार पत्र के संपादक को पत्र
दिनांक – 9 जुलाई 2019
सेवा में,
श्रीमान संपादक जी,
जनसत्ता, दिल्ली
माननीय संपादक महोदय,
हमारे शहर में कानून-व्यवस्था की स्थित दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है, और महिलाओं के प्रति अपराधों में बेशुमार बढ़ोत्तरी हुई है। पुलिस असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है। मेरी राय में शासन-प्रशासन के उच्च स्तर के अधिकारियों व नेताओं को इस विषय में कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ये शहर महिलाओं के सुरक्षित बन सके और महिलायें निर्भीक होकर कहीं आ सकें। ऐसे कई उपाय हैं जिन्हे लागू करके काफी हद तक महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों पर काबू पाया जा सकता है, जरूरत है तो केवल प्रशासन की इच्छा-शक्ति और चुस्त-दुरुस्त होने की।
आशा है शीघ्र ही हमारा प्रशासन नींद से जागेगा और कड़े-कदम उठायेगा।
धन्यवाद...
एक जागरूक पाठक
ब्रजेश सिंह
रोहिणी, सेक्टर - 8
दिल्ली - 85