महानगरीय/ग्रामीण दिनचर्या के लाभ तथा हानि के बारे में अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।
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महानगरीय जीवन और ग्रामीण जीवन के अनेक लाभ और हानियां हैं। अपने अनुभव के आधार पर में उनका बारे में लिख रही हूँ।
- महानगर में हम देर से सोने के आदी होते हैं फिर सुबर देर से उठते हैं। जबकि गांव में हम लोग जल्दी सो जाते हैं और सुबह तड़के उठ जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है।
- शहर की आबोहवा बनावटी है और हमें ताजी हवा के लिए पार्को में भटकना पड़ता है। जबकि गांव में हर जगह स्वस्थ और ताजी हवा मिल जाती है।
- शहर में रहकर हमें अपने शरीर को स्वस्थ बनाने के लिये व्यायाम करना पड़ता है। गांव में हमें किसी व्यायाम की आवश्यकता नहीं पड़ती। हमारा गांव में दैनिक कामकाज ही इतने होते हैं जिन्हें करने से अच्छा खासा शारीरिक श्रम हो जाता है।
- हम शहर वासियों को अपने कोलेस्ट्रोल और कैलरी की बहुत चिंता रहती है और वह नापतोल कर खाते हैं। हर तरह का खानाे को खाने से डरते हैं। जबकि गांव के लोग बिंदास होकर खाते हैं। उनकी नास्ते की शुरुआत घी-मक्खन वाली चीजों से होती है।
- शहर के लोग शुद्ध चीजों के लिए तरसते हैं उनके हर खाने पीने की चीज में मिलावट होती है जबकि गांव के लोग शुद्ध और असली चीजों का सेवन करते हैं जिसे उनका स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
- तकनीकी रूप से शहर के लोग आगे हैं। उन्हें हर तकनीक सुविधा मिल जाती है। जबकि गांव के लोगों को तकनीक की सुविधा नहीं मिल पाती।
- गांव में गाड़ियां आदि भी कम होती है। शहरों में गाड़ियों की भरमार है। आने जाने की सुखसुविधा होती है।
- शहरों में बिजली पानी की समस्या नही होती, जबकि गांवो में बिजनी पानी की समस्यायें होती हैं।
- शहर में सुख सुविधाओं की कोई कमी नहीं होती जबकि गांव में बहुत सारी सुविधाओं का अभाव होता है।
- कुल मिलाकर अपने अनुभव के आधार पर कह सकती हूँ कि कुछ मामलों में शहर का जीवन बेहतर है तो कुछ मामलों में गांव का जीवन।
- लेकिन दोनों की तुलना की जाए तो गांव का जीवन ज्यादा श्रेष्ठ है क्योंकि यह प्रकृति के नजदीक है शहर का जीवन बनावटी है।
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hole it will help you
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thank you
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