महानगरीय प्रदूषण पर निबंध
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महानगरीय प्रदूषण पर निबंध
यह कथन बिल्कुल सही है मानव की वर्तमान जीवन शैली और शहरी करण से जुड़ी योजनाएं पक्षियों के लिए घातक बन गई है | बढ़ते प्रदूषण के कारण पक्षियों के लिए वातावरण में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही है. मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति के साथ लगातार छेड़छाड़ करता जा रहा है। इसके दुष्परिणाम पक्षियों को भुगते पड़ रहे है और पक्षियों की संख्या कम हो रही है |
महानगरीय प्रदूषण के कारण मनुष्य को काफी मुश्किलों का सामना कर पढ़ रहा है |
प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है | प्रदूषण मनुष्य से लेकर जानवरों और पक्षियों सब के लिए हानिकारक है | प्रदूषण के कारण पर्यावरण में धुंध, धुआं, ठोस पदार्थों के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी खतरनाक बीमारी हो जाती हैं।
प्राकृतिक प्रदूषण भी जैसे पराग-कण, धूल, मिट्टी के कण, प्राकृतिक गैसों आदि वायु प्रदूषण के स्त्रोत है। प्रदूषण से बीमारियों के बढ़ने के कारण मनुष्य की मृत्यु दर में बहुत ज्यादा वृद्धि हो रही है। प्रदूषित हवा जिसमें हम प्रत्येक क्षण सांस लेते हैं फेंफड़ों के विकारों और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर की भी कारक है, इस प्रकार यह स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य शारीरिक अंगों को भी प्रभावित करती है। प्रदूषण के लिए हम मानव ही जिमेदार है | अपने लाभ के लिए हम यह प्रदूषण फैला रहे है | आज सब के पास गाड़ियाँ उसका धुआं खतरनाक होता है | पटाखों के कारण | हमें इसको रोकना होगा , तभी हम ताज़ी हवा ले सकते है और जीवित रह पाएंगे |