महापुरूष ज्योति स्तम्भ क्यों कहे जाते है ।( अधिकतम 200 शब्दों में)
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Explanation:
देखिए महापुरुष ज्योति स्तंभ क्यों कहे जाते हैं ज्योति का मतलब होता है प्रकाश या उजाला और इसका मतलब एक मजबूत स्तंभ जिसमें जो प्रकाश फैला रहा हूं ठीक है तो वहां पुरुष होते हैं जैसे गांधीजी हैं या किसी भी महापुरुष को लेनी है उठा कर के किसी के लिए सचिन तेंदुलकर हो सकते हैं उसी के लिए विराट कोहली हो सकते हैं किसी के लिए सुभाष चंद्र बोस स्वामी विवेकानंद महात्मा गांधी किसी की लक्ष्मीबाई हो सकती है किसी के लिए विदेशों से भी हो सकते हैं नेल्सन मंडेला हो सकते हैं ठीक है तो उनको ज्योतिष समझता कि इन्होंने जो भी समाज के लिए किया उससे पूरे समाज को एक प्रकाश मिला प्रकाश मतलब ऊर्जा मिली कुछ सीख मिली कुछ सबक मिली कुछ उन्हें प्रेरणा मिली ठीक है तो इसलिए उन्हें प्रकाश स्तंभ है या ज्योति स्तंभ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने पूरे समाज को शिक्षित किया जागरूक किया प्रेरणा दी कुछ ना कुछ समाज में ऐसा योगदान दिया कि वह आज भी याद किए जाते हैं या सदियों तक याद किए जाएंगे इसलिए उन्हें ज्योति स्तंभ कहा जाता है |
Answer
देखिए महापुरुषों को ज्योति स्तम्भ क्यों कहा जाता है, ज्योति का अर्थ है प्रकाश या प्रकाश और इसका अर्थ है एक मजबूत स्तंभ जिसमें मैं प्रकाश फैला रहा हूं, ठीक है तो गांधीजी जैसे पुरुष हैं या किसी महान व्यक्ति को किसी को उठाना होगा। किसी के लिए सचिन तेंदुलकर हो सकते हैं, उसके लिए विराट कोहली हो सकते हैं, किसी के लिए सुभाष चंद्र बोस स्वामी विवेकानंद महात्मा गांधी किसी की लक्ष्मीबाई हो सकते हैं, किसी के लिए वह विदेश से हो सकते हैं, वह नेल्सन मंडेला हो सकते हैं। कि उन्होंने समाज के लिए जो कुछ भी किया, पूरे समाज को प्रकाश मिला, प्रकाश का अर्थ ऊर्जा मिला, कुछ सबक मिला, कुछ सबक मिला, कुछ प्रेरणा मिली, ठीक है इसलिए उन्हें प्रकाश स्तंभ या प्रकाश स्तंभ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने पूरे समाज को शिक्षित किया है। जागरूक किया, प्रेरित किया, समाज के लिए कुछ ऐसा योगदान दिया कि उन्हें आज भी याद किया जाता है या सदियों तक याद किया जाएगा, इसलिए उन्हें ज्योति स्तम्भ कहा जाता है।
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