Hindi, asked by shivk759674, 7 months ago

महापुरूष के संस्कार आज भी जीवित है निबंध लिखना है ​

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Answered by pradipbahushelavale
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भूमिका – स्वच्छता और स्वास्थ्य का अत्यंत घनिष्ठ संबंध है। यह बात हमारे ऋषि-मुनि भी भलीभाँति जानते थे। वे अपने आसपास साफ़-सफ़ाई रखकर लोगों को यह संदेश देने का प्रयास करते थे कि अन्य लोग भी अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें और स्वस्थ रहें। यह देखा गया है कि जहाँ लोग स्वच्छता का ध्यान रखते हैं, वे बीमारियों से बचे रहते हैं।

स्वच्छता अभियान की आवश्यकता – बढ़ती जनसंख्या, व्यस्त दिनचर्या औ स्वच्छता के प्रति विचारों में आई उदासीनता के कारण पर्यावरण में गंदगी बढ़ती गई। साफ़-सफ़ाई का काम लोगों को निम्न स्तर का काम नज़र आने लगा। यह हमारी ज़िम्मेदारी नहीं ऐसी सोच के कारण गंदगी बढ़ती गई। हर छोटी-बड़ी वस्तुओं को प्लास्टिक की थैलियों में पैक किया जाना तथा वस्तुओं के प्रयोग के उपरांत प्लास्टिक या खाली डिब्बों तथा उनके पैकेटों को इधर-उधर फेंकने से उत्पन्न कूड़ा-करकट तथा गंदगी, तथा लोगों की सोच में बदलाव के कारण इस अभियान की विशेष आवश्यकता महसूस की जाने लगी।

स्वच्छ भारत अभियान – स्वच्छता को बढ़ावा देने तथा इसके प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए समय-समय पर संदेश प्रसारित किए जाते हैं तथा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी दिशा में 02 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘स्वच्छ भारत’ अभियान का आरंभ किया गया। इसे 2019 तक चलाया जाएगा जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की एक सौ पचासवीं जयंती होगी। इस अवसर पर अर्थात् 02 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री ने देशवासियों को शपथ दिलाते हुए कहा, “मैं स्वच्छता के प्रति कटिबद्ध रहूँगा और इसके लिए समय दूंगा। मैं न तो गंदगी फैलाऊँगा और न दूसरों को फैलाने दूंगा।” हमारे राष्ट्रपिता ने साफ़-सुथरे और विकसित भारत का जो सपना देखा था, उसी को साकार करने के लिए इस अभियान का शुभारंभ किया गया।

अभियान की शुरुआत – 2 अक्टूबर, 2014 को हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने खुद झाड़ लेकर इस अभियान की शुरुआत की। इस अभियान से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सांसदों, विधायकों, जानी-मानी हस्तियों, प्रधानाचार्य, अध्यापक, छात्र समेत लाखों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इस अभियान पर लगभग करोड़ों रुपये खर्च करने का बजट भी रखा गया। प्रधानमंत्री ने इस अभियान को राजनीति प्रेरित न कहकर देशभक्ति से प्रेरित बताया। उन्होंने राजपथ पर आयोजित एक समारोह में लोगों को शपथ दिलाई। उन्होंने सफाई कर्मियों की कॉलोनी बाल्मीकि कॉलोनी में झाडू लगाई। इसी दिन तात्कालिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के उसी स्कूल में झाडू लगाई, जहाँ उन्होंने पढ़ाई की थी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक भारतीय को वर्ष में एक सौ घंटे सफ़ाई को अवश्य देना चाहिए।

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