महापुरूष व वैज्ञानिकों की पावन स्थली। is topic par 2 page ka niband chahiye
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यह एक सर्वविदित तथ्य है कि कोई भी राष्ट्र उन्नति तभी कर पाता है जब राष्ट्र के लोगों में अपने देश के प्रति प्रेम-भाव हो, आपसी सहयोग हो। देश के प्रति समर्पण की यही भावना ही देशवासियों में एकता उत्पन्न करती है, यही राष्ट्रीय एकता कहलाती है। राष्ट्रीय एकता एक नैतिक व मनोवैज्ञानिक अवधारणा है जो देश के लोगों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करती है, विपदाओं के लिए लौह प्राचीर बन जाती है।
आज के युग की सबसे बड़ी माँग है – राष्ट्रीय एकता। इतिहास इस बात का गवाह है कि जब हमारे दे
श में एक ही राष्ट्रीय विचारधारा थी, एक भाषा व एक समाज-संस्कृति थी तो उस समय विश्व भर में हमारे देश का डंका बजता था। तब विदेशों से लोग आकर हमारे यहाँ शिक्षा ग्रहण करते थे, धर्म-संस्कृति का ज्ञान प्राप्त करते थे, किंतु धीरे-धीरे एकता का स्थान अनेकता ने ले लिया। देश की एकता लुप्त होने से देश-विदेशियों के अधीन हो गया। पराधीनता की अवस्था में अनेक कुठाराघात सहन करने पड़े। अब देश स्वतंत्र है। इसीलिए आज सबसे पहली आवश्यकता राष्ट्रीय एकता को पुनः जाग्रत करने की है क्योंकि राष्ट्रीय एकता के अभाव में सांप्रदायिकता, जातिवाद, भाषावाद, अनुशासनहीनता आदि विभिन्न समस्याएँ सिर उठाने लगती हैं।