Social Sciences, asked by akolaralan, 1 month ago

महीरुहा: कैः धन्याः सन्ति?​

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Answered by shishir303
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¿ महीरुहा: कैः धन्याः सन्ति?​

पुष्प, पत्र, फल, छाया, मूल, वल्कल दारिभिः धन्या सन्ति।

✎... फूल, पत्ते, फल, छाया, जड़, छाल, और लकड़ियों के कारण ही वृक्ष धन्य होते हैं, जिनसे मांगने वाले कभी विमुख यानी निराश नहीं होते हैं। यानी वृक्ष सदैव परोपकार करते हैं और वह अपने शरीर के अंगों (फूल, पत्ते, फल, छाया, जड़, छाल, और लकड़ियों) से सदैव लोगों का कल्याण करते रहते हैं, इसलिए हमें वृक्षों का सदैव सम्मान और उनकी सेवा करनी चाहिए।

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