महाराणा सांगा को 'एक सैनिक का भग्नावशेष' क्यों
कहा गया है?
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O महाराणा सांगा को 'एक सैनिक का भग्नावशेष' क्यों कहा गया है?
► राणा सांगा को एक सैनिक का भग्नावशेष इसलिए कहा जाता है, क्योंकि वह अपने पूरे जीवन पर्यंत युद्ध लड़ते रहे थे। महाराणा सांगा ने अपने जीवन में अनेक युद्ध लड़े और उनके शरीर पर अनगिनत घाव हो गए थे। उन्होंने युद्धों में अपनी एक भुजा, एक आँख और एक टांग तक को दी थी और उनके शरीर पर निरंतर घाव बने रहते थे। खानवा के युद्ध में तो उनके शरीर 80 घाव लग गए थे। हर समय युद्धरत होने के कारण और हमेशा घाव लगे रहने के कारण उन्हें ‘एक सैनिक का भग्नावशेष’ कहा जाता था।
राणा सांगा जिनका पूरा नाम महाराजा महाराणा संग्राम सिंह था, वह सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे अपनी वीरता और अदम्य साहस के लिए वह बेहद प्रसिद्ध रहे और उन्होंने अपने पूरे जीवन पर्यंत शत्रुओं से निरंतर संघर्ष किया।
महाराणा सांगा इतिहास के वीर अमर राजपूत राजा महाराणा प्रताप के दादा थे।
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