History, asked by narayansuryawanshi91, 17 days ago

७) महाराष्ट्रात किर्तनाची सुरुवात कोणत्या संतांनी सुरु केली ?​

Answers

Answered by NikBeanie
0

Answer:

हिन्दू धर्म में ईश्वर या देवता की भक्ति के लिये उनके नामों को भांति-भांति रूप में उच्चारना कीर्तन कहलाता है। यह भक्ति के अनेक मार्गों में से एक है। अन्य हैं - श्रवण, स्मरण, अर्चन आदि।

1960 के दशक में केन्या में पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ कीर्तन करते सिख श्रद्धालु।

भारत में जिस भगवान् के लिए कीर्तन करते है उसकी तस्वीर, मूर्ति स्थापित करने के बाद मंगलाचरण,हवन पूजन और आह्वान, गुरूवंदना, गणेश वंदना, सरस्वती वंदना, फिर जिस भगवान् के लिए कीर्तन कर रहे हैं उसके भजन गायन करके उसे रिझाते है उसके गुणों का बखान करते हैं। और अंत में आरती, शंख ध्वनि और प्रसाद वितरण कार्यक्रम आयोजित किया जाता हैं।

कीर्तन हेतु सामग्री 1) दूब, मिट्टी का ढेला। 2) जल कलश (आम्र पल्लव सहित)। 3) गंगाजल, नारियल पानी वाला 2 । 4) सिंदूर (कुमकुम) 2 पैकेट, यज्ञोपवीत 1 । 5) कलावा 2 गिट्टी (सूती)। 6) धूपबत्ती 2 पैकेट, साबुत चावल 100 ग्राम। 7) कपूर 10 टिकिया, रुई 1 पैकेट। 8) लौंग 20 ग्राम, साबुत सुपारी 10, अनाज 1 किग्रा। 9) बताशे 100 ग्राम, ध्वज 1, मीठा पान। 10) पंचमेवा 500 ग्राम, मिश्री 500 ग्राम, इलायची छोटी 20 ग्राम। 11) ऋतुफल 5 प्रकार के एक -2 दर्जन। 12) मावे की मिठाई 1 किग्रा। 13) लाल व सफेद कपड़ा 1.25 मीटर। 14) दीपक आरती के लिए, गाय का घी 250 ग्राम। 15) बड़ी चुनरी 1, छोटी चुनरी 21 । 16) देवी श्रृंगार 1 पैकेट। 17) कटोरी 2, थाली 1, चम्मच 1 (नयी)। 18) सूती धोती, रुमाल 1, दक्षिणा। 19) फूल 250 ग्राम। 20) फूलमाला 10। 21) इत्र की शीशी।।

मां भगवती जागरण पार्टी ककड़ीपुर (बागपत

Answered by shamshinde914
0

Answer:

माहाराष्टा्त कितृनाचे सुरुवित कोणत्या संतांनी सुरु केली

Similar questions