Political Science, asked by kohlidevashish14, 11 months ago

महासागरीय जीवजात नित्य मंडल और वेलापवर्ती मंडल के बीच अंतर उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए​

Answers

Answered by ansh841507
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Answer:

महासागर के जल के सतत एवं निर्देष्ट दिशा वाले प्रवाह को महासागरीय धारा कहते हैं। वस्तुतः महासागरीय धाराएं, महासागरों के अन्दर बहने वाली उष्ण या शीतल नदियाँ हैं। प्रायः ये भ्रांति होती है कि महासागरों में जल स्थिर रहता है, किन्तु वास्तव मे ऐसा नही होता है। महासागर का जल निरंतर एक नियमित गति से बहता रहता है और इन धाराओं के विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं। प्राकृतिक धारा में प्रमुख अपवहन धारा (ड्रिफ्ट करंट) एवं स्ट्रीम करंट होती हैं।एक स्ट्रीम करंट की कुछ सीमाएं होती हैं, जबकि अपवहन धारा करंट के बहाव की कोई विशिष्ट सीमा नहीं होती। पृथ्वी पर रेगिस्तानों का निर्माण जलवायु के परिवर्तन के कारण होता है। उच्च दाब के क्षेत्र एवं ठंडी महासागरीय जल धाराएं ही वे प्राकृतिक घटनाएं हैं, जिनकी क्रियाओं के फलस्वरूप सैकड़ों वर्षों के बाद रेगिस्तान बनते हैं।

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Answered by capricornusyellow
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महासागरीय जीवजात नित्य मंडल

Explanation:

  • महासागरीय धरा वह धरा होती है जो की सतत वे निरदीयस्थ दिशा मैं बहती रहती है।  
  • जो महासागर के अंदर धरा बहती है वह वस्तुतः नदियों की गरम वे ठंडी धाराये कहलाती है।  
  • महासागर का जल परवाह निरन्तर बहता रहता है।  
  • अलग अलग धरूँ के अलग अलग रूप होते है।  
  • उपवाहन धरा का की कोई विशिस्ट सीमा नहीं होती।  
  • पृथवी पैर भी रेगिस्तान का निर्माण वायु मैं परिवर्तन की वजह से हुआ है।  

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