महासागरीय धाराओं के प्रभाव को समझाए
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- महासागरीय धाराएँ शाखीय क्रियाकलापों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं।
- महासागीय धाराएँ तटीय भागों की जलवायु में पर्याप्त संशोधन करती है। इनका अधिकतम प्रभाव तटीय क्षेत्रों के तापमान पर होता है।
- गर्म धाराएँ ठंडे भागों में पहुँचकर सर्दियों में तटों को अपेक्षाकृत गर्म रखती है। गल्फस्ट्रीम की उत्तरी अटलांटिक शाखा यूरोपीय (तटीय) देशों के तापमान को बढ़ा देती है।
- ठंडी धाराएँ गुजरने से मार्ग के तापमान को अत्यंत कम कर देती है जिससे हिमपात की दशाएँ उत्पन्न होती हैं।
- गर्म धाराओं के ऊपर प्रवाहित होने वाली हवाओं के कारण वर्षा भी होती है। जलधाराएँ पृथ्वी पर ऊष्मा संतुलन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- ठंडी व गर्म जलधाराओं के मिलने पर कुहरा पड़ता है जो जलयान संचालन में बाधा उत्पन्न करता है।
- वहीं जलधाराओं द्वारा मछली के लिये आवश्यक ऑक्सीजन एवं पोषक तत्वों के साथ-साथ प्लैंकटन का भी परिवहन होता है जिससे मत्स्यन को बढ़ावा मिलता है।
- महासागरीय जल धाराओं के सहारे व्यापारिक जलयानों का परिवहन किया जाता है।
- गर्म धाराओं के कारण ठंडे प्रदेशों के बंदरगाह वर्ष भर खुले रहते हैं।
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