Hindi, asked by Zema2983, 10 months ago

मह संसाय कभप्रम धान है । ननयंतय कामयम त यहने वारे रोग ही , अऩने जीवन भें सपरता
की भंज़िर प्राप्त कयते हैं। दसू यों ऩय ननबयम ( Depend ) यहना सफसे फड़ा करंक है ।
अकभण्म म भन

ष्म जीवन भें कबी सु
खी नहीं हो सकता , मह ववववध उदाहयण देकय स्ऩष्ट
कीज़जए ।

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Answered by Anonymous
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Answer:

lमह संसाय कभप्रम धान है । ननयंतय कामयम त यहने वारे रोग ही , अऩने जीवन भें सपरता

की भंज़िर प्राप्त कयते हैं। दसू यों ऩय ननबयम ( Depend ) यहना सफसे फड़ा करंक है ।

अकभण्म म भन

ष्म जीवन भें कबी सु

खी नहीं हो सकता , मह ववववध उदाहयण देकय स्ऩष्ट

कीज़जए ।

Explanation:

संतोष के बिना कामना का नाश नहीं होता और कामनाओं के रहते स्वप्न में भी सुख नहीं हो सकता और श्री राम के भजन बिना कामनाएँ कहीं मिट सकती हैं? बिना धरती के भी कहीं पेड़ उग सकता है?॥1॥

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