History, asked by virendrakotra5730, 3 months ago

महात्मा गांधी के पास ₹30 थे उसमें ₹10 कटिंग के लिए ले गए और ₹10 आटा पिसाने के लिए गए और पीछे कितने बजे​

Answers

Answered by kanishkatewtiya0101
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Answer:

₹10 okkkkkkkkkkkkk

Explanation:

₹10

Answered by devanshujeet
0

10 फ़रवरी 1949 को दिल्ली के लाल क़िले के आसपास आवाजाही रोक दी दी गई थी. सुरक्षा बलों की भारी तैनाती थी. महात्मा गांधी की हत्या पर अदालत का फ़ैसला आने वाला था. लाल क़िले के भीतर ही विशेष अदालत बनाई गई थी.

ठीक 11.20 बजे नाथूराम गोडसे के साथ आठ अन्य अभियुक्त कोर्ट रूम में लाए गए. केवल सावरकर के चेहरे पर गंभीरता थी जबकि नाथूराम गोडसे, नारायण आप्टे और विष्णु करकरे मुस्कुराते हुए आए.

ब्लैक सूट में जज आत्माचरण कोर्ट रूम में 11.30 बजे पहुँचे. जज ने बैठते ही नाथूराम गोडसे का नाम पुकारा, जिस पर गोडसे खड़े हो गए. फिर बारी-बारी से सभी का नाम बोला गया. जज आत्माचरण ने गांधी की हत्या में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फाँसी की सज़ा सुनाई. विष्णु करकरे, मदनलाल पाहवा, शंकर किस्टया, गोपाल गोडसे और दत्तात्रेय परचुरे को आजीवन क़ैद की सज़ा सुनाई गई.

जज ने सावरकर को बेगुनाह क़रार दिया और उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया.

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