Social Sciences, asked by manas3818, 6 months ago

महात्मा हंसराज के दो sahapadiyo के नाम btao ​

Answers

Answered by Hindpranav
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Explanation:

पंडित गुरुदत और लाला लाजपतराय

Answered by dhakalreetu05
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Answer:

महात्मा हंसराज का जन्म कब और कहाँ हुआ?

महात्मा हंसराज का जन्म 19.4.1864 को होशियारपुर जिले के बजवाड़ा नामक गाँव में हुआ।

2. हंसराज के पिता का नाम क्या था?

हंसराज के पिता का नाम श्री लाला चूनीलाल था।

3. हंसराज की माता का नाम क्या था?

हंसराज की माता का नाम श्रीमती गणेश देवी था।

4. हंसराज की प्रारंभिक शिक्षा कहाँ हुई?

हंसराज की प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव बजवाड़ा में ही हुई। प्रायमरी की परीक्षा पास करके उन्होंने आगे की पढ़ाई होशियारपुर में की।

5. मैट्रिक की पढ़ाई हंसराज ने कहाँ की?

हंसराज ने मैट्रिक की पढ़ाई लाहौर के मिशन स्कूल में की। उस वर्ष (1880 ई.में) मैट्रिक की परीक्षा देने वाले सत्रह विद्यार्थियों में केवल एक हंसराज ही उत्तीर्ण हुए थे।

6. मैट्रिक की कक्षा में इन्हें बेंत की सजा क्यों मिली थी?

जब ये मैट्रिक में पढ़ते थे तब प्रसंगवश इन्होंने यह बात कह दी थी कि, प्राचीन आर्यों को परमेश्वर का ज्ञान था और वे परमेश्वर की ही पूजा करते थे। इसीलिए उन्हें बेंत की सजा मिली थी।

7. इनके मिशन स्कूल में जो लड़के श्राद्ध के दिनों में छुट्टी मांगते थे उन्हें क्या सजा होती थी?

इनके मिशन स्कूल में जो लड़के श्राद्ध के दिनों में छुट्टी माँगते थे, उन्हें सजा के रूप में दो पैसे जुर्माने देने पड़ते थे।

8. हंसराज आर्य समाज की ओर आकर्षित कैसे हुए?

मिशन स्कूल के मुख्याध्यापक में हंसराज का जो विवाद हुआ उसके फलस्वरूप हंसराज के दिल में यह जिज्ञासा उत्पन्न हुई कि क्या सचमुच पुराने युग के आर्य प्रकृति के तत्त्वों की पूजा करते थे? या ईश्वर की पूजा करते थे? उन्हें ईश्वर का ज्ञान था या नहीं? इन्हीं प्रश्नों के उत्तर ढंूढ़ते-ढंूढ़ते वे आर्य समाज, लाहौर में पहँुचे। आर्य समाज लाहौर के प्रधान लाला साईंदास के प्रेमपूर्ण व्यवहार, आर्य समाज के सिद्धांत तथा आर्य समाज के धर्म और जाति हित के कार्यों ने उनको अपनी ओर आकर्षित किया।

9. हंसराज ने बी.ए. की परीक्षा कब कहाँ से उत्तीर्ण की?

हंसराज ने बी.ए. की परीक्षा 1885 ई. में राजकीय कालेज लाहौर से उत्तीर्ण की। पूरे पंजाब विश्वविद्यालय में वे द्वितीय स्थान प्राप्त किए थे।

10. महात्मा हंसराज का विवाह किसके साथ हुआ?

महात्मा हंसराज का विवाह ठाकुर देवी के साथ हुआ।

11. महात्मा हंसराज की कुल कितनी संतानें थीं?

महात्मा हंसराज की कुल पाँच संताने थीं- बलराज और योधराज दो पुत्र तथा चन्नन देवी, रत्न देवी एवं धर्म देवी- तीन पुत्रियाँ।

12. महर्षि दयानन्द की स्मृति मे खोले जाने वाले डी.ए. वी. स्कूल, कॉलेज आन्दोलन में नवयुवक हंसराज ने किस प्रकार जान डाल दी?

नवयुवक हंसराज ने भरी सभा में यह घोषणा की कि- मैं श्रोताओं के सम्मुख अपना सारा जीवन दयानन्द ऐंग्लो वैदिक कॉलेज के नाम बिना किसी वेतन के अर्पण करता हँू। और इसमें मुख्याध्यापक के रूप में कार्य करूँगा। हंसराज ने इस घोषणा द्वारा डी.ए. वी कॉलेज आन्दोलन में जान डाल दी।

13. अपना जीवन डी.ए. कॉलेज के लिए बिना किसी पारिश्रमिक के अर्पण कर देने पर उनकी जीविका की क्या व्यवस्था हुई?

अपना जीवन डी.ए.वी. कॉलेज के हित अर्पण कर देने पर उनके बड़े भाई ने अपने पास से हंसराज की जीविका के लिए चालीस रूपए प्रति माह देने का निश्चय किया, इन्हीं चालीस रूपयों से उनके परिवार का भरण-पोषण होता था और गरीब विद्यार्थियों की सहायता भी की जाती थी।

14. प्रिंसिपल हंसराज का विद्यार्थियों से कैसा संबंध था?

प्रिंसिपल हंसराज का विद्यार्थियों के प्रति तरह आत्मीय तथा मधुर संबंध था। परंतु इनका विद्यार्थियों के प्रति मधुर संबंध अनुशासन पालन में बाधक नहीं था। ये पूरी कढ़ाई से स्वयं अनुशासन का पालन करते थे तथा दूसरों से भी पालन करवाते थे।

15. प्रिंसिपल हंसराज की अथक परिश्रम का डी.ए. कॉलेज पर क्या प्रभाव पड़ा?

प्रिंसिपल हंसराज की अथक परिश्रम का फल यह हुआ कि डी.ए. वी. कॉलेज पढ़ाई, अनुशासन तथा परीक्षाफल की दृष्टि से लाहौर का श्रेष्ठ कॉलेज बन गया।

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