Hindi, asked by vaishnavmalu1011, 2 months ago

महात्मा करते-करते शिष्यों को साथ कहां पहुंचे​

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Answered by devindersaroha43
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Explanation:

भगवान गौतम बुद्ध ही दर्शन और धर्म का अंतिम सत्य है। बौद्ध धर्म को नास्तिकों का धर्म मानना गलत है। जिन्होंने इसका सही अध्ययन किया और समझा वे ही समझ सकते हैं कि सत्य क्या है। गौतम बुद्ध जब राजकुमार थे तब  उनका नाम सिद्धार्थ था। सिद्धार्थ को उनके सारथी सौम्य के द्वारा ही संसार का ज्ञान मिला, जिसमें उन्होंने दुख, जरा, बुढ़ापे और मृत्यु के सत्य को जाना।

हालांकि बौद्ध धर्म कभी धर्मप्रचारक आंदोलन के रूप में विकसित नहीं हुआ, किन्तु भारतीय उपमहाद्वीप में बुद्ध की शिक्षाओं का प्रसार दूर-दूर तक हुआ और फिर वहां से ये शिक्षाएं पूरे एशिया भर में फैल गई। इस्ला‍म के उदय के बाद सबसे ज्यादा नुकसान बौद्धों ने ही झेला, क्योंकि 300 ईसा पूर्व से ही बौद्ध धर्म तुर्क, एलेक्ज़ेंड्रिया, इराक और ईरान के कुछ हिस्सों सहित संपूर्ण अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, किरगिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान, चीन के युयान एवं जिंगसियांग प्रांत, तिब्बत, थाइलैंड, लाओस, कम्बोडिया, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, मंचूरिया, साइबेरिया और यूरोपीय रूस में कैस्पियन सागर के नजदीक आदि क्षेत्रों में अपनी जड़े जमा चुका था। खैर...

 

*बुद्ध के प्रमुख गुरु थे- गुरु विश्वामित्र, अलारा, कलम, उद्दाका रामापुत्त आदि।

*प्रमुख शिष्य थे- आनंद, अनिरुद्ध, महाकश्यप, रानी खेमा (महिला), महाप्रजापति (महिला), भद्रिका, भृगु, किम्बाल, देवदत्त, उपाली आदि।

*प्रमुख प्रचारक- अंगुलिमाल, मिलिंद (यूनानी सम्राट), सम्राट अशोक, ह्वेन त्सांग, फा श्येन, ई जिंग, हे चो, बोधिसत्व आदि।

 

गुरु विश्वामित्र : सिद्धार्थ ने गुरु विश्वामित्र के पास वेद और उपनिषद्‌ तो पढ़े ही, राजकाज और युद्ध-विद्या की भी शिक्षा ली। कुश्ती, घुड़दौड़, तीर-कमान, रथ हांकने में कोई उसकी बराबरी नहीं कर पाता था।

Answered by soninishapritesh1978
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Answer:

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