महादेवी वर्मा की कहानी नीलू को 3-4 पृष्ठों में लिखिए।
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नीलू बेचारा एकाकी ही रहा. जीवन के सामान उसकी मृत्यु भी दैन्य से रहित थी. 'कुत्ते की मौत मरना' कहावत है, परन्तु यदि नीलू के समान शांत निर्लिप्त भाव से कोई मृत्यु का सामना कर सके, तो ऐसी मृत्यु मनुष्य को भी काम्य होगी. मेरे पास अनेक जीव-जंतु हैं, परन्तु जिसके बुरा मान जाने की मुझे चिंता हो, ऐसा अब कोई नहीं है.
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