‘महावीर प्रसाद द्विवेदी का निबंध उनकी खुली सोच और का परिचायक है’ कैसे?
(cbse class 10 HINDI A question paper 2011/16)
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महावीर प्रसाद द्विवेदी का निबंध उनकी दूरगामी और खुली सोच का परिचायक है। द्विवेदी जी के अनुसार प्राचीन समय की अपेक्षा आधुनिक समय में स्त्री शिक्षा का अधिक महत्व है। द्विवेदी जी का समाज में नई चेतना जागृत करने का था। उस समय के समाज में स्त्रियों को पढ़ाना अपराध समझा जाता था। पढ़ी-लिखी स्त्रियों को अच्छी दृष्टि से नहीं देखा जाता था। दकियानूसी विचारों वाले लोगों ने स्त्री शिक्षा के विरोध में व्यर्थ की दलीलें बना रखी थी। द्विवेदी जी ने स्त्री शिक्षा के महत्व को समझा और उसका प्रचार प्रसार करने के लिए लेखों का सहारा लिया। उनका मानना था कि शिक्षा ही देश का उचित विकास कर सकती है। स्त्रियों के उत्थान से देश का उत्थान निश्चित है। शिक्षित नारी स्वयं का भला तो करती है साथ में अपने परिवार ,समाज और देश का भी भला करती है। नारी की क्षमता और प्रतिभा के उचित उपयोग के लिए उसे शिक्षित करना आवश्यक है। द्विवेदी जी की स्त्री शिक्षा के प्रति यह सोच आज के समय में वरदान सिद्ध हो रही है।
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