महावीर स्वामी के त्रिरत्न क्या थे नाम लिखिए
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¿ महावीर स्वामी के त्रिरत्न क्या थे नाम लिखिए ?
➲ जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी ने कर्म के बंधनों के विनाश और कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति के हेतु तीन नियमों के पालन करने का उपदेश दिया था, जिसे महावीर स्वामी के त्रिरत्न के नाम से जाना जाता है। यह रत्न इस प्रकार हैं...
सम्यक ज्ञान ⦂ सम्यक ज्ञान का अर्थ है, सच्चा और संपूर्ण ज्ञान। जैन धर्म के तीर्थकरों के उद्देश्यों से प्राप्त होने वाला सच्चा एवं सम्पूर्ण ज्ञान ही सम्यक ज्ञान है।
सम्यक दर्शन ⦂ सम्यक दर्शन का अर्थ है, तीर्थकरों में पूर्ण श्रद्धा रखना तथा उनके प्रति सत्य निष्ठा का भाव रखकर उनके द्वारा दिए गए उपदेशों का पालन करना।
सम्यक चरित्र ⦂ सम्यक चरित्र से तात्पर्य है, सदाचार पूर्ण जीवन व्यतीत करना। जब मनुष्य द्वारा अपने इंद्रियों पर नियंत्रण स्थापित कर अपने कर्मों को संतुलित कर दिया जाता है और मनुष्य विषय वासना के चक्कर से बाहर निकल आता है, तो वह सदाचार जीवन जीने लगता है।
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