Hindi, asked by amrishartishukla, 9 months ago

महायज्ञ का पुरस्कार के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें pls tell me fast​

Answers

Answered by mg8480321
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Explanation:

कहानीकार यशपाल जी उपयुक्त कहानी में दिखाया है कि निस्वार्थ भाव से किया गया कर्म ही सच्चा कर्म महायज्ञ होता है . ... अतः कहा जा सकता है कि कहानी का शीर्षक उचित एवं सार्थक है जो की पाठकों के ह्रदय पर एक गहरी छाप छोडती है .

Answered by Ramneek10
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श्री यशपाल जैन जी द्वारा लिखित कहानी 'महायज्ञ का पुरस्कार' का शीर्षक सार्थक है। इस कहानी में गरीबी से जूझते हुए भी सेठ ने खुद भूखे रहकर एक कुत्ते को अपने चारों रोटियां खिला कर महायज्ञ पूर्ण किया। धन के लिए किया गया यज्ञ यज्ञ नहीं। असली यज्ञ दूसरों की भलाई के लिए किया जाता है। कुंदनपुर गांव के धन्ना सेठ की पत्नी का भी यही विचार है। अंत में सेठ और सेठानी को अपने परोपकार और निस्वार्थ सेवा का पुरस्कार मिलता है।

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