महायज्ञ का
पुरस्कार
कहानी में कहानीकर ने
किस आदर्श को स्थापना की है।
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महायज्ञ का पुरस्कार कहानी शीर्षक की सार्थकता
कहानीकार यशपाल जी उपयुक्त कहानी में दिखाया है कि निस्वार्थ भाव से किया गया कर्म ही सच्चा कर्म महायज्ञ होता है . इस कहानी के मुख्य पात्र सेठ एवं सेठानी अपनी गरीबी को दूर करने के लिए यज्ञ के फल को बेचने के लिए विबस होना पड़ा .
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Answer:pata nhi iam 10std boy
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Plzzz mark me as brilianast
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