Mahabharat ki bhasha
aur vishva yukt ke bare mein likhen
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Explanation:
महाभारत की भाषा खड़ी भाषा हिंदी भाषा आवारे उसे विषय वस्तु के उप रखें तो प्रारंभ से अंत तक छनछन देता की दीवार इतनी कमजोर दिखाई पड़ी बालू की भीत पर अवस्थित वह विचार जो जिसका कोई आता पता नहीं था वह उसी तरह ध्वस्त हो गया जैसे कोई बालू के बीच बनाता है हवा के झोंके रे उसको बरबाद कर देती है वही स्थिति पैदा हुआ यहां महाभारत से विषय वस्तु को हम देखते हैं जो कि चोरों द्वारा पल पल पर छन छन छन देता अपनाई गई बात पर बाधा आएगी लेकिन विजय सत्य की हुई और वह पराजित नहीं हो प्रकाश सत्य परेशान हुआ लेकिन पराजित नहीं हुआ तो हम भी हटा सकते हैं कि महाभारत एक ऐसी विषय वस्तु है या इस विषय पर अवस्थित है कि असत्य की कपड़े जो पढ़े लिखे हैं वह क्षणिक रहे जिस तरह तुझको बादल छिपा देता है अंततोगत्वा सूर्य अपनी गति में चला आता है गति में चला
Answer:
इतिहास वर्ग में आता है। कभी कभी इसे केवल भारत कहा जाता है। यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं।[1] विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है।[2] यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं[3], जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं।