Hindi, asked by ayush6056, 1 year ago

Mahadev Desai ki Charitra ki visheshta ka varnan kijiye

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Answered by shishir303
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महादेव देसाई की चारित्रिक विशेषता का वर्णन...

महादेव देसाई गांधीजी के सचिव के रूप में विख्यात थे। वे एक स्वतंत्रता सेनानी और सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने अपना जीवन देश तथा गांधीजी की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था।

महादेव देसाई को अनेक भाषाओं का ज्ञान था, जिनमें गुजराती, संस्कृत, बांग्ला, हिंदी, मराठी और अंग्रेजी भाषायें प्रमुख थीं। उनका स्वभाव अत्यंत विनम्र था और वह सब से प्रेमपूर्वक बातें किया करते थे। वह गांधी जी को अति प्रिय थे और गांधी जी उन्हें अपने पुत्र के समान मानते थे।

वह बेहद परिश्रमी व्यक्ति थे और एक ही समय में अनेक कार्य कर दिया करते थे। महादेव देसाई के बारे में गांधीजी का कहना था कि कितना कार्य महादेव अकेले कर लेते हैं, आधे दर्जन सचिव होते तब भी इतना काम नहीं कर पाते।

यद्यपि उन्होंने वकालत की पढ़ाई की थी और सरकारी नौकरी भी की, परंतु जब गांधी जी के संपर्क में आए तो वे गांधीजी के ही होकर रह गए। गांधीजी के साथ आने के लिए उन्होंने अपना सब कुछ त्याग दिया और वे गांधीजी तथा देश की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित हो गए।

वह 1924 से 1928 तक भारत यात्रा में गांधी जी के साथ रहे थे। जब 1931 में गोलमेज सम्मेलन के लिए गांधीजी लंदन गए तो वे भी गांधी जी के साथ गए। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में जब गांधीजी को नजरबंद कर दिया गया तो भी वे गांधीजी के साथ ही थे, और वहीं पर नजरबंदी की अवस्था में 15 अगस्त 1942 को उनकी मृत्यु हो गयी।

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