Hindi, asked by mauli1921, 7 months ago

mahadevi varma ke upar kavita....

Answers

Answered by anishadxt226
1

Answer:

पूछता क्यों शेष कितनी रात?

छू नखों की क्रांति चिर संकेत पर जिनके जला तू

स्निग्ध सुधि जिनकी लिये कज्जल-दिशा में हँस चला तू

परिधि बन घेरे तुझे, वे उँगलियाँ अवदात!

झर गये ख्रद्योत सारे,

तिमिर-वात्याचक्र में सब पिस गये अनमोल तारे;

बुझ गई पवि के हृदय में काँपकर विद्युत-शिखा रे!

साथ तेरा चाहती एकाकिनी बरसात!

व्यंग्यमय है क्षितिज-घेरा

प्रश्नमय हर क्षण निठुर पूछता सा परिचय बसेरा;

आज उत्तर हो सभी का ज्वालवाही श्वास तेरा!

छीजता है इधर तू, उस ओर बढता प्रात!

प्रणय लौ की आरती ले

धूम लेखा स्वर्ण-अक्षत नील-कुमकुम वारती ले

मूक प्राणों में व्यथा की स्नेह-उज्जवल भारती ले

मिल, अरे बढ़ रहे यदि प्रलय झंझावात।

कौन भय की बात।

पूछता क्यों कितनी रात?

Answered by gracyklunagariya
0

Answer:

भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Explanation:

Written by Mahadevi Varma.

Similar questions