Mahadevi verma aur gillu ke beech mein ek samvad
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गिल्लू कहानी हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार महादेवी वर्मा द्वारा लिखित एक प्रेरणादायक कहानी है, जो हमें निरीह और मूक प्राणियों के प्रति संवेदनात्मक व्यवहार करने की सीख देती है।
वैसे तो कहानी में लेखिका और गिल्लू के बीच प्रत्यक्षतः कोई संवाद नही हुआ है। उन दोनों के बीच जो मौन संवाद हुआ है, वो शब्दों में इस प्रकार है...
गिल्लू जालीदार खिड़की के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झांकने लगा तो मुझे लगा शायद वो आजाद होना चाहता है। मैंने उससे सवाल किया...
महादेवी वर्मा: तुम शायद आजाद होना चाहते हो। तुम जाओ अपना आजाद जीवन जियो। यह लो मैंने खिड़की की जाली का एक खोना खोल दिया हैय़ इसमें से निकल जाओ।
गिल्लू : नहीं! मालकिन! आपने मेरी इतनी देखभाल की है। आपके इस प्रेम त्याग और परिश्रमी कार्य को मैं सराहाता हूँ। मैं आपको छोड़कर कहीं नहीं बाहर जाने वाला। आप ही मेरी भगवान हो।
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२. गिल्लू कहानी हमारे स्वभाव में जीव-प्रेम को किस प्रकार विकसित करती है? गिल्लू कहानी के आधार पर लिखिए । (८० से १०० शब्दों में लिखिए ।)
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गिल्लू की कहानी हमारे स्वभाव में जीव-जन्तु प्रेम को किस प्रकार विकसित करती है? गिल्लू कहानी के आधार पर लिखिए।
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Answer:
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