Hindi, asked by reenakaushikw19, 8 months ago

mahadevi verma ko chandi ka katora inam main kishne diya

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Answered by jayathakur3939
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महादेवी वर्मा जी को काव्य प्रतियोगिता में 'चांदी का कटोरा' मिला था जिसे उन्होंने गांधीजी को दे दिया था। महादेवी वर्मा को 'आधुनिक काल की मीराबाई' कहा जाता है । महादेवी जी छायावाद रहस्यवाद के प्रमुख कवियों में से एक हैं । हिंदी भाषा की प्रख्यात कवयित्री हैं । महादेवी वर्मा की गिनती हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभ सुमित्रानन्दन पन्त, जयशंकर प्रसाद और सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के साथ की जाती है |

महादेवी वर्मा का जन्म होली के दिन 26 मार्च, 1907 को फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था । उनके पिता गोविन्द प्रसाद वर्मा एक वकील थे और माता हेमरानी देवी थीं । महादेवी वर्मा की शुरुआती शिक्षा इंदौर में हुई । महादेवी वर्मा ने बी.ए. जबलपुर से किया । वह अपने घर में सबसे बड़ी थी । उनके दो भाई और एक बहन थी । 1919 में इलाहाबाद में 'क्रॉस्थवेट कॉलेज' से शिक्षा का प्रारंभ करते हुए महादेवी वर्मा ने 1932 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. की उपाधि प्राप्त की । तब तक उनके दो काव्य संकलन 'नीहार' और 'रश्मि' प्रकाशित होकर चर्चा में आ चुके थे । महादेवी जी में काव्य प्रतिभा सात वर्ष की उम्र में ही मुखर हो उठी थी । विद्यार्थी जीवन में ही उनकी कविताऐं देश की प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में स्थान पाने लगी थीं ।

महादेवी वर्मा का विवाह 9 वर्ष की छोटी उम्र में ही हो गया था परन्तु महादेवी जी को सांसारिकता से कोई लगाव नहीं था | वह  तो बौद्ध धर्म से बहुत प्रभावित थीं और स्वयं भी एक बौद्ध भिक्षुणी बनना चाहतीं थीं । विवाह के बाद भी उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी । महादेवी वर्मा की शादी 1914 में 'डॉ. स्वरूप नरेन वर्मा' के साथ इंदौर में 9 साल की उम्र में हुई, वह अपने मां पिताजी के साथ रहती थीं क्योंकि उनके पति लखनऊ में पढ़ रहे थे ।

राष्ट्र भाषा हिन्दी के संबंध में उनका कथन है, 'हिन्दी भाषा के साथ हमारी अस्मिता जुड़ी हुई है। हमारे देश की संस्कृति और हमारी राष्ट्रीय एकता की हिन्दी भाषा संवाहिका है।'

Answered by agarwalakul885
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