महर्षि वैदिक प्रबंधन से क्या आशय हैं
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वैदिक प्रबंधन वैदिक ज्ञान और वैदिक मूल्यों के अनुसार जीवन-प्रबंधन, सही जीवन शैली, रचनात्मकता विकास और उच्च जागरूकता की एक व्यापक प्रणाली है। इसमें धर्म या अच्छे आचरण और कर्म या कर्म के नियम को समझने के सिद्धांत शामिल हैं। वैदिक प्रबंधन हमें दिखाता है कि इस वैदिक और योगिक ज्ञान को कैसे लिया जाए और इसे हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों में व्यावहारिक स्तर पर लागू किया जाए। भारत में कई वैदिक प्रबंधन समूह हैं जो हमारे जीवन को निर्देशित करने के लिए वैदिक शिक्षाओं का उपयोग करते हैं। वे भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा बन रहे हैं। बाकी दुनिया भी उनसे लाभान्वित हो सकती है लेकिन उन्हें उचित संचार और समझ के लिए सही तरीके से पैक और विकसित करने की आवश्यकता है।
योग, आयुर्वेद, वेदांत, वैदिक परामर्श और शिक्षा के अन्य वैदिक क्षेत्रों एवं वेेदों में दिए गए ज्ञान को दैनिक जीवन और व्यवसायिक जीवन में उपयोग लेते हुए प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाते हुए जीवन जीना ही वैदिक प्रबन्धन है।
►महर्षि वैदिक प्रबंधन महर्षि महेश योगी द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है, जिसमें महर्षि महेश योगी ने वैदिक ज्ञान और वैदिक मूल्यों के पुनर्स्थापन हेतु उनके उचित प्रबंधन और उचित वैदिक जीवन शैली को अपनाने पर जोर दिया है। प्राचीन वैदिक दर्शन जिसमें योग, आयुर्वेद, वेदांत, मीमांसा, वैदिक शिक्षा आदि आते हैं, इस इस वैदिक दर्शन के प्रचार-प्रसार हेतु अपनाई गई प्रबंधन प्रणाली ही महर्षि वैदिक प्रबंधन है। इस तरह के वैदिक प्रबंधन से वैदिक दर्शन का अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच हो, इस इस प्रबंधन का उद्देश्य है।
महर्षि महेश योगी योग और वैदिक ज्ञान के प्रमुख पुरोधा रहे हैं, जिन्होंने योग और वैदिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए पूरे विश्व में अनेक महर्षि महेश योगी आश्रम की स्थापना की और वैदिक ज्ञान का पूरे विश्व में लोकप्रिय बनाया है। उनका जन्म 12 जनवरी 1918 को तथा उनका देहांत 5 जनवरी 2008 को हुआ था।
आज भारत और पूरे विश्व में महर्षि महेश योगी के महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय और महर्षि वैदिक आश्रम हैं, जहाँ वैदिक ज्ञान की शिक्षा दी जाती है।
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