History, asked by mlal5986, 1 year ago

Mahatma Gandhi Sukanya samriddhi navbharat mitsuboshi

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Answered by GujjarBoyy
5
I DON'T KNOW WHAT YOUR QUESTION IS SAYING
Answered by Anonymous
3

में फर्क को समझें टैक्स बचाने के लिए टैक्सपेयर्स इन्वेस्टमेंट के लिए कई अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। टैक्ससेविंग के लिए पीपीएफ, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), नैशनल पेंशन स्कीम, नैशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NCC), फिक्स्ड डिपॉजिट, सुकन्या समृद्धि अकाउंट और अटल पेंशन योजना जैसे विकल्प चुनते हैं। इन विकल्पों में निवेश कर आप आखिरी समय में टैक्स बचा सकते हैं। इनमें से किसी भी स्कीम में इन्वेस्ट करने से आप किसी एक वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं। बात करें पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि अकाउंट की तो ये दोनों EEE कैटिगरी में आती हैं। साफ शब्दों में कहें तो इनमें किया जाने वाला निवेश, और इस पर मिलने वाला ब्याज व मैच्योरिटी तीनों ही टैक्स फ्री होते हैं। आइये आज आपको बताते हैं और सुकन्या समृद्धि अकाउंट के कुछ मुख्य फर्क के बारे में...

कौन खुलवा सकता है पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि अकाउंट

कौन खुलवा सकता है पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि अकाउंट

बात करें सुकन्या समृद्धि अकाउंट की तो सिर्फ 10 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के नाम ही यह खाता खुलवाया जा सकता है। बच्चियों के अभिभावक दो बेटियों के नाम पर यानी दो खाते खुलवा सकते हैं। इस स्कीम के तहत अधिकतम 3 खाते खोले जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पहली या दूसरी बार जन्मीं बच्चियां जुड़वां हों। वहीं पीपीएफ अकाउंट देश का हर नागरिक खुलवा सकता है चाहें वह बालिग हो या नाबालिग। किसी भी नागरिक को एक ही PPF खाता खुलवाने का अधिकार है।

कितना मिलता है ब्याज

कितना मिलता है ब्याज

सुकन्या समृद्धि अकाउंट की बात करें तो इसमें जमा होने वाली राशि पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। वहीं पीपीएफ के लिए सरकार ने 8 फीसदी की ब्याज दर निर्धारित की है।

कितनी राशि हो सकती है जमा

सुकन्या समृद्धि अकाउंट में कम से कम 250 रुपये के साथ निवेश की शुरुआत की जा सकती है। वहीं पीपएफ खाते के लिए न्यूनतम राशि 500 रुपये है। गौर करने वाली बात है कि दोनों में होने वाला निवेश 12 किस्तों में हो सकता है और 1 साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश ही संभव है।

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लॉक-इन-पीरियड

सुकन्या समृद्धि अकाउंट के लिए लॉक-इन-पीरियड 21 वर्ष है जबकि पीपीएफ का लॉक-इन-पीरियड 15 साल होता है। सुकन्या समृद्धि अकाउंट को कुछ विशेष मौकों जैसे शादी या नागरिकता बदलने पर बंद कराया जा सकता है।

कब हो सकती है पैसों की निकासी

सुकन्या अकाउंट में जमा हुए पैसे को 21 साल बाद जबकि पीपीएफ के कॉपर्स को 15 साल बाद निकाला जा सकता है। खास बात है कि पीपीएफ खाते के 6 साल पूरे होने पर निवेशक 50 फीसदी राशि निकाल सकते हैं।

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