Hindi, asked by Sravani2518, 10 months ago

Mahilaon ki asurksha ke karan
Sampadak ko patra

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Answered by ishatpandey12
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Explanation:

राष्ट्रीय गृहकर्मा संघटन को य़ा बाथ जान कर आचार्य हो राही है घेरलू कामकरन कोकिरास्थल में युवा उत्पीडन से महिलन की सुरक्षा विद्याक 2010 में शमीम न कहिया, जिया और जिया है। ये निशाशा की बात है और घ्रेलु की कर्मकर्महिलायेन जो असंगति क्षत्रं च सर्वदा बडा श्रमिक शेष है, ये विदेह है के दिन से बहराखा गया है। गम्हरू कांमकारं यदु उत्थानमिदं च विदितं शतं। हमरे पास भरत केविहिन राजे से से अइसन केस हे जहन घारेलु कहमगर यूँ उतपेदन अउ हिंसा के शकर बनैहिन। हज़ारों बरो अनके दवरा जो भई कथिनैय्यां जली जाति है वोह सून सूने में नाटी आंटी है, दीखै भई नाहि देत है, कांको उका नाम दारवाजे के पीचे होति है। घेरालु कामारगों कीजिन्दगी हमशा डार, लज्जा, शोसन, यूँ यूपीडेन अनादि के बीच में हाय उठती है। आज तक अनखेड़ीकरन को सुरक्षित रक्खे के लइया कोइ अधिनयम परैत न किआ गया है। अनको इक श्रमिक किदरजा भी न दीया गया है। हम सबको मालुम है की घरलू कामरगों के पार हर रोज इतन्याचार होरही है, अनको जलया जात है, मार जाटा है, अनके साथ यूँ समन्ध राखा जात है, धम्मि दीना जतिहि, कां सीना से किना क्या है? जनता अनके प्रीति कोइशुभंति दिक्खता नहीं है।jab koi gharelu kaamgar apne malik ke bare mein koi shikhayat darjkarne ke liya police ke paas jata Kai baar unke shikhayat पुलिस leti bhi nah.mahilaon ki adhikaron ko surakshit rakhne ke liye sharat sarkat karat hai se Mahilaon ki suraksha vidheyak 2010 mahilaon ke liyeatyant laabhdayak hoga jab gharelu kaamkar bhi iske tahat aajayenge tab।

हमीं आशा है की भतारसरकर हमरी मँग को पुरी करेगी।राष्ट्रिय घरकामर संघटन अपील कर्ता है की भरत सरकार अपन देस हजरन घर कहमगिरहिलों की पुकार सुने अनार की सेवा है।

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