Hindi, asked by muskanchauhan1012, 8 months ago

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Answered by amitbhatt1435
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किसी भी जंग को जीतने में पूरी सेना का संयुक्त योगदान महत्वपूर्ण होता है। चाहे वह मैदान में मोर्चे पर हो या उसकी रणनीति बनाने में शामिल हो। वैश्विक बीमारी कोरोना को हराने में जनता के योगदान को कोई नकार नहीं सकता। इस संक्रमण के खतरे को नियंत्रित करने में जुटे योद्धाओं की वजह से ही हम यह सोच सकते हैं कि आने वाले दिनों में हम और हमारा परिवार पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। कोरोना योद्धाओं का ही जज्बा है कि वह बिना किसी डर के लगातार जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित बनाने के मोर्चे पर डटे हुए हैं। ऐसे कुछ योद्धाओं के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं....

इन योद्धाओं में श्रीनगर के सीडी अस्पताल में चेस्ट डिजीज के एचओडी डॉ नवीद नजीर शाह और श्रीनगर के जिला उपायुक्त डॉ शाहिद इकबाल चौधरी शामिल हैं। दोनों ने अमर उजाला से कई अहम बातें साझा की। साथ ही इस युद्ध में आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बताया।

डॉ नवीद नजीर शाह ने कहा कि इस दौर में दिन-रात जैसी कोई बात ही नहीं रही है। पहले सुबह 10 से शाम 4 बजे तक काम करने का शेड्यूल रहता था लेकिन इस समय ऐसा कोई शेड्यूल नहीं है। सुबह होते ही और देर रात तक अस्पताल में मरीजों की देख-रेख में समय बीत जाता है। कुछ घंटे ही आराम करने के लिए मिल पाते हैं। युद्ध स्तर पर इस जंग को जीतने का काम चल रहा है। हमारे सभी साथी इस जंग को जीतने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं।

दो-तीन दिन में थोड़ी देर के लिए ही घर जाता हूं, इस दौरान पूरा ध्यान रखता हूं कि घरवालों के संपर्क में ज्यादा न आऊं। डॉ नवीद ने कहा कि इस महामारी के दौरान काफी चुनौतियां सामने आ रही हैं। जिसमें सबसे बड़ी चुनौती है कि मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के लिए समझाना। iवहीं श्रीनगर के जिला उपायुक्त डॉ शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि इस महामारी के चलते उनकी दिनचर्या में बहुत ज्यादा बदलाव आया है। सुबह जल्दी उठना होता है और रात का पता नहीं, कभी-कभी तो दो बज जाते हैं। दिन भर सक्रिय रहना पड़ता है। उन्होंने बताया कि वह पिछले करीब 18 दिनों से अपने घर नहीं गए और परिवार से दूर हैं। बता दें कि जिला उपायुक्त के परिवार में उनकी बीवी और छोटी बेटी है।

उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान हर चीज एक चुनौती है, जिससे हम आए दिन निपटते हैं। लोगों तक राशन पहुंचाना हो या कोरोना वायरस से संक्रमित या संक्रमित रहे लोगों का पता लगाना, ऐसी कई चुनौतियां हैं। उन्होंने बताया कि 60 फीसदी से अधिक लोगों तक राशन पहुंचाया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर कांटेक्ट ट्रेसिंग हुई है, उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार आ सकता है। साथ ही कहा कि अगर लोग पूरी तरह से प्रशासन का साथ दें, सरकारी आदेशों का पालन करें, अपना यात्रा इतिहास न छिपाएं, तो यह जंग हम और जल्दी जीत सकते हैं।

उधर, शाहिद चौधरी की पत्नी महक शाहिद ने एक ट्वीट में लिखा कि मेरे पति कोरोना वायरस से जंग में जुटे हुए हैं। प्रतिदिन 18 घंटे से अधिक का समय इस जंग में बिता रहे हैं। साथ ही कहते हैं कि ब्रेक-द-चेन... दूर रहकर ही एक दूसरे की मदद करें।

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