Mai ek phool hoon.nibandh
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मैं एक फूल हूँ (निबंध)
मैं प्रकृति की सबसे सुंदर कृति हूँ। मैं प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाने वाला तत्वों से सबसे प्रमुख हूँ। मैं तरह-तरह के रंगों में होता हूँ। मैं अलग-अलग नामों से पुकारा जाता हूँ। मेरे नाम है, गुलाब, कमल, बेला, चमेली, गुलमोहर, सूरजमुखी, गेंदा, ट्यूलिप आदि मेरी अनेक जातियां हैं। ये सब मेरे प्रकार है। कहीं पर मैं अपने अलग-अलग रंगों के लिए जाना जाता हूँ तो किसी जाति में मैं अपनी खुशबू के लिए जाना जाता हूँ।
गुलाब के फूल के रूप में मैं बेहद प्रसिद्ध हूँ। गुलाब का फूल प्रेम का प्रतीक है, प्रेमी-प्रेमिका दोनों अपने प्रणय निवेदन के रूप में गुलाब का फूल देते है। मैं कमल का फूल भी हूँ। कमल का फूल समृद्धि का प्रतीक है। मैं कमल के रूप में देवी लक्ष्मी के निवास-स्थान का प्रतीक हूँ।
मैं मंदिरों में चढ़ाया जाता हूँ। मै सुबह-सुबह भगवान की पूजा में अर्पित किया जाता हूँ। मैं हर धर्मस्थान में पूजा का मुख्य साधन हूँ। ईश्वर के चरणों में पड़ा रहने पर मुझे बड़ा सुख शांति का एहसास होता है, क्योंकि मैं उनके चरणों में पड़ा हूँ जिन्होंने मुझे, हम सबको, इस प्रकृति के सभी तत्वों को बनाया।
मेरे अनेक तरह से उपयोग होते हैं। अगर मैं ईश्वर के चरणों में चढ़ाया जाता हूँ, तो विशिष्ट मानव की गले में भी पहनाया जाता हूँ। मेरी माला बना कर लोग एक दूसरे का सम्मान करने के लिए गले में पहनाते हैं।
मैं जीवन के सुख-दुख का साक्षी हूँ। खुशी और मांगलिक कार्यों के अवसर पर भी मेरा उपयोग करते हैं तो दुख के अवसर पर भी मेरा उपयोग करते हैं। लोग त्योहारों में मेरी मालाएं, तोरण आदि बनाकर अपने घरों को सजाते हैं तो मृत्यु होने पर मृत शरीर पर भी मुझे श्रद्धा स्वरूप चढ़ाते है। इस तरह मैं जीवन के हर चरण का साक्षी हूँ।
मैं प्रेम का प्रतीक हूँ, मैं श्रद्धा का प्रतीक हूँ। मै मित्रता का प्रतीक हूँ, मै सम्मान का प्रतीक हूँ, मैं गौरव का प्रतीक हूँ। मै सुंदरता का प्रतीक हूँ, मै एक फूल हूँ।