Hindi, asked by shriprakash1132, 1 year ago

Mai swatch bharat kaI liye KIya karungi

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Answered by abhi178
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भारत विशाल , धर्मनिरपेक्ष एवं विविधताओं वाला लोकतंत्र राष्ट्र है । जनसंख्या के विचार से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उपमहादेश हमारा भारत एकता का प्रमाण है । किन्तु साक्षरता की कमी के कारण भारत स्वच्छता में पिछड़ा है । हमे यह ज्ञात होना चाहिए कि
" स्वस्थ समाज का निर्माण स्वच्छता से होती है । "

वैसे तो भारत को स्वच्छ करने हेतु कई शुरूआत से ही प्रयत्न हो रहे हैं , किन्तु सफल प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा २ अक्टूबर २०१४ को गाँधी जयन्ती के अवसर पर राजघाट (दिल्ली) से शुभारंभ किया गया । भारत स्वच्छता अभियान के तहत भारत को स्वच्छ किया जा रहा है, जागरूकता फैलाई जा रही है , शौचालय का निर्माण करवाया जा रहा है ।हम स्वचछ भारत की ओर अग्रसर हैं ।

किन्तु भारत को स्वच्छ बनाना केवल सरकार या फिर सफाई कर्मचारी का दायित्व नही है , हम युवा , विद्यार्थी आम जनता का भी दायित्व है कि भारत स्वच्छ और निर्मल हो । क्योंकि कहा जाता है कि किसी भी देश का भविष्य उसके युवावर्ग पर निर्भर करता है "
इसिलिए हमारा कल अच्छा हो भारत स्वच्छ और निर्मल हो यह तब संभव है जब हम जागरुक होंगे ।

कहने में और सुनने में अजीब लगता है कि विद्यार्थी चाहे तो देश की सत्ता बदल सकता है किन्तु यह सच है । जयप्रकाश नारायण ने भारत में क्रान्ति परिवर्तन छात्र के बल पर ही किया था ।
खैर हमें सत्ता परिवर्तन या आंदोलन की आवश्यकता नही , हमे तो बस स्वच्छता में क्रान्ति लानी है ।
कुछ विचार हैं जिनसे हम स्वच्छ भारत की कल्पना हकिकत में बदल सकते हैं ।

१. स्वच्छता से सम्बन्धित जानकारी अर्जित करें । क्योंकि " लोगो की मानसिकता को बदलने के लिए खुद को बदलना जरूरी है ।"

२. स्वच्छता की शुरूआत अपने घर एवं आसपास से करैं , लोगो को स्वच्छ होने के लाभ के बारे मेे बताएँ , उन्हे इस बातों से अवगत कराएँ कि सभी बिमारियों की नीव अस्वच्छता है ।

३. लोगो को शौचालय के लाभ के बारे में बताएँ । खुले में शौच जन-जीवन को किस कदर हानि पहूँचाती है । इस बात का ज्ञान सभी तक पहूँचाने का काम हम छात्र आसानी से कर सकते हैं ।

४. विद्यालय के प्रतियोगिता में स्वच्छता के लिए नाटक मंच करें, चित्रकारी प्रतियोगिताओं मे स्वच्छता के विषय को दर्शाएँ।इससे लोगो में बदलाव आएगा

५. यहाँ-वहाँ कुड़ा फेंकने वाले, पेशाब करने वाले , थुकने वाले को मधूरता से समझाएँ । क्योंकि कहा जाता हौ कि
" मधूरता से पत्थर भी पिघल जाता है " ।

ऐसे बहुत सारे ideas हैं जो हमारे भारत को स्वच्छ और निर्मल बनाने मे अहम भूमिका निभाएगी । अगर हम एक होकर यह निश्चय कर ले कि भारत को स्वच्छ बना कर रहेंगे तो वह दिन दूर नही जब हमारा भारत स्वच्छता का प्रतीक होगा ।
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