main aur mera bhai ek hi kaksha mein padhte hain ismein padhte ka pad Parichay
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question samajha nhi aaya ..............
प्रश्न :- मैं और मेरा भाई एक ही कक्षा में पढते हैं इसमें पढते का पद परिचय दीजिए |
उत्तर :- पढते का पद है = क्रिया पद
पद परिचय की परिभाषा : -
जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं , उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद-परिचय , पद-व्याख्या कहते है।
पद पाँच प्रकार के होते हैं –
1. संज्ञा :- वह शब्द जो किसी स्थान , वस्तु , प्राणी , व्यक्ति , गुण , भाव आदि के नाम का ज्ञान कराता है , संज्ञा कहलाता है ।”
2. सर्वनाम :- सर्वनाम का अभिधार्थ है—सबका नाम । जो सबके नाम के स्थान पर आये, वे सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे– में , तुम , आप , यह , वह , हम , उसका , उसकी , वे , क्या , कुछ , कौन आदि।
3. विशेषण :- संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, रंग, आकार–प्रकार आदि) बताने वाले शब्दोँ को विशेषण कहते हैं । जैसे– मोटा , पतला , कौन आदि।,
4. क्रिया :- जिन शब्दोँ से किसी कर्म (कार्य) के होने या करने अथवा किसी प्रक्रिया मेँ होने का बोध हो, उन शब्दोँ को क्रिया कहते हैँ। जैसे–
• राम खाना खाता है।
5. अव्यय :- जिन शब्दों के रूप में लिंग , वचन , क्रिया , कारक आदि के कारण कोई विकार पैदा नहीं है , उन्हें अव्यय शब्द कहते हैं । अव्यय का शाब्दिक अर्थ होता है– जो व्यय नहीं होता है। अर्थात् ये अविकारी होते हैं । ये शब्द जहाँ भी प्रयुक्त होते हैं , वहाँ एक ही रूप में रहते हैं । जैसे– अन्दर , बाहर , अनुसार , अधीन , इसलिए , तथापि, परन्तु आदि।