Hindi, asked by ashutoshkumar347, 1 year ago

main Dhoondta Tujhe tha Ram Naresh Tripathi ki kavita ka Arth​

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Answered by dcharan1150
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मेँ ढूँढता तुझे था पद्य की सार कथा |

Explanation:

यहाँ पर कवि राम नरेश त्रिपाठी जी ने प्रभु के निर्गुण और निराकार गुण को बड़े ही अच्छे तरीके से अपने शब्दों में व्यक्त किया हैं | पद्य के प्रारंभिक भाग में कवि प्रभु जी को दुनिया के हर जगह ढूंढते हुए नजर आ रहें हैं, परंतु इतना खोजने के बाद भी उन्हें प्रभु की दर्शन नहीं पाया हैं |

बाद में उन्हें समझ आया है की, प्रभु को ढूँढने की जरूरत नहीं हैं | क्योंकि वह तो हर जगह |विद्यमान हैं | दुनिया के हर एक कण में आपको परमात्मा की सत्ता देखने को मिलेगी | कवि ने और भी कहा है की, हर एक धर्म में प्रभु के अलग-अलग रूप को दिखाया गया है परंतु मूल बात तो यह है की भगवान जी तो एक ही हैं |

कवि ने पद्य के अंतिम भागों में प्रभु जी से प्रार्थना की है की, वह उनके मन को हमेशा साफ रखने में उनकी मदद करें और जीवन में आने वाली हर एक मुसीबत से उन्हें डट कर लढने की ताकत प्रदान करें |

Answered by prakashraybole048
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itne avsar milane per bhi kabhi ko Ishwar Kyon nahin mila kitne avsar milane per bhi kabhi ko Ishwar Kyon nahin

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