Hindi, asked by khank67706, 9 months ago

main haar gai kahani ki samiksha kijiye

Answers

Answered by dcharan1150
0

मेँ हार गई कहानी का समीक्षा कीजिये।

Explanation:

ये कहानी मूल रूप से इंसानी भावना और भावुक संवेदनाओं के आधार पर लिखी गई है, यहाँ पर हमें मनोविज्ञान के कई पहलू देखने को मिलते हैं जो की समाज में फैली पारंपरिक तथा जड़ सा प्रतीत होता रीति-रिवाजों का विरोधाभास है।

मन्नू जी के इस पाठ में, जीवन के संघर्षों से तथा समाज में फैली कई बंदिशों के कारण बार-बार झुटलाते हुए मन के मनोदशा को भी बहुत ही अच्छे तरीके से प्रदर्शित करता है। मन्नू जी इस पाठ में थका-हारा परंतु अटूट मध्यवर्गीय समाज के मन को दिखाये हैं।

Answered by bhatiamona
2

मैं हार गई कहानी की समीक्षा :

'मैं हार गयी' मन्नू जी द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध कहानी है । इस कहानी में लेखिका एक नेता की पुत्री थी| एक बार जब वह अपने दोस्त के साथ कवि सम्मेलन में जाती वहाँ पर नेता के ऊपर कही गई कविता उसे अच्छी नहीं लगती है| वह कविता सुन कर कहती मैं एक अच्छे नेता का निर्माण करूंगी और और कवि को बताउंगी की नेता अच्छे भी होते है|

इस कहानी में लेखिका एक नेता का निर्माण करना चाहती है| वह एस ईमानदारी नेता का निर्माण करना चाहती थी| ऐसा नेता जो भ्रष्टाचार को खत्म कर सके और ईमानदारी के रास्ते पर चले | लेखिका इस कार्य में सफल नहीं हो पाती इसलिए वह अंत में कहती है कि मैं हार गई| वह एक कवि समेलन में जाती है अपने मित्र के साथ | सम्मेलन में राजनेताओं में व्यंग पर कविता सुनाई जाती है| कविता में एक पिता में अपने पुत्र का भविष्य जानने के लिए उसके कमरे में कुछ चीज़ें रख देते है  | वह तीन चीज़ें रखते है अभिनेत्री की तस्वीर और एक शराब की बोतल और गीता की किताब | पिता चुप कर देखते है , सबसे पहले पुत्र अभिनेत्री की तस्वीर को देखता है ,फिर वह शराब की बोतल देखता है फिर अंत में गीता किताब को अपने पास रखता है | इससे पिता को पता लग जाता है कि वह नेता  बनेगा |

लेखिका को कविता में कविता अच्छी नहीं लगती है | इस सम्मेलन से वह एक निर्णय ले कर आती है कि वह एक अच्छे नेता का निर्माण करेगी | वह एक कहानी का निर्माण करती है | एक गरीब परिवार का लड़के को नेता बनाना चाहती थी| लेकिन उस लड़के के पिता की मृत्यु हो जाती है | उस लड़के का ध्यान अच्छे नेता से भटक जाता है और उसका ध्यान बस आजीविका पर आता है| वह लड़का कहता है मुझे मेरा देश भी प्यारा है लेकिन मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकता | लेखिका कहती है की तुम्हें अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटना है| जैसे मैं कहूंगी तुम वैसा  ही करोगे |  

लेखिका कुछ नहीं कर पाती वह लड़का मजदूरी करने लगता है| लड़का सोचता है की अपने परिवार की जरूरतों के लिए वह चोरी करने लगता है| लेखिका को बहुत बुरा लगता है वह उस लड़के को नेता बनाने के लिए कहानी लिखना छोड़ देती है|

लेखिका उसके बाद दूसरी कहानी लिखने का निर्णय लेती है | उस कहानी में वह लड़का अच्छा पड़ा लिखा होता है | लेकिन बाद में वह लड़का भी दोस्तों ले साथ बिगड़ने लग जाता है | वह जुआ खेलने लग जाता है , वह शराब पीने लग गया | वह लड़का लिखित को जबाव देता है| लेखिका नाराज हो जाती है और वह उस पर चिल्लाती है | लेखिका को बहुत शर्म आती है कि जैसा मैं नेता बनाना चाहती हूँ वैसा मुझे नहीं मिल रहा है| लेखिका लिखती है कि वह ऐसा दिन कभी नहीं आया |  

इस प्रकार उसकी कहानी का अंत हो जाता है वह इस कहानी को फाड़ कर फेंक देती है | लेखिका कहती है कि मैं हार गई | किसी भी वर्ग में कोई भी अच्छे नेता बनने के कोई गुण नहीं है |  

Similar questions