Hindi, asked by sanjayjaiswar505, 4 days ago

main prithvi bol rahi hu nibandh​

Answers

Answered by samikshashelar86
3

Answer:

हाँ मैं पृथ्वी बोल रही हूँ प्रकृति के समस्त ग्रहों में मेरा आकार काफी विशाल हैं. मेरे भूभाग पर मानव व जीव जन्तु बसते है जो मुझे धरती माता कहकर पुकारते हैं. मैं भी सभी सजीवों को अपने पुत्र के समतुल्य मानकर उनका भरण पोषण करती हूँ. मैं अपने इन बेटों को प्रसन्न चित देखकर खुश होती हूँ तथा हर संभव इनकी मदद करना चाहती हूँ

Explanation:

please Brain list answer

Answered by singhaashka915
2

Explanation:

प्रस्तावना:-

हां मै पृथ्वी बोल रही हूं। पूरे सौरमंडल में मेरा आकार काफी बड़ा है। मैं अकेली ऐसे ग्रह हूं जिस पर जीवन की कामना किया जा सकता है। मेरे भूभाग पर मानव और जीव जंतु निवास करते हैं और वह मुझे माता का दर्जा देते हैं और पृथ्वी माता कह कर पुकारते हैं। मै भी सभी मनुष्यों को जीव जंतुओं को पुत्र के समान प्रेम करती हूं और उनका भरण पोषण करती हूं। मैं अपने सभी पुत्रों को देखकर खुश रहती हूं और वो हमेशा खूब रहे ऐसी कामना करती हूं।

मै किस प्रकार सबका भरण पोषण करती हूं

कृषि विभाग मेरे समतल और भूभाग पर अनेक प्रकार के अनाज बोते है और पेड़ पौधे लगाते हैं। ये देख कर मुझे बहुत खुशी मिलती है। मै हमेशा हरी भरी नजर आती हूं। मेरा हरा भरा रहना ही मेरी पहचान है। किसान अपने पेट की भूख को शांत करने के लिए फल, सब्जियां, अनाज, आदि उगाते हैं। इस प्रकार से मै उनका भरण पोषण करती हूं।

सभी प्राणियों का मेरे प्रति आदर और सम्मान:-

करोड़ों प्रकार के प्रजाति और जीव जंतु मेरी सतह पर मिलजुल कर रहते हैं और मेरा आदर और सम्मान करते हैं। मुझे जननी के रूप में देखते हैं। दो प्रकार के मेरे पुत्र जो मेरे भूभाग पर रहते हैं किसान जो अनाज बो कर सभी की भूख शांत करता है और दूसरा सेना के वीर जवान जो बंदूक लिए सभी की रक्षा करते हैं। ये दोनों प्रकार के पुत्र के अलावा भी काफी सारे मेरे पुत्र हैं। जो मुझसे अनंत प्रेम करते हैं और मै भी सभी को अपने पुत्र के समान मानती हूं।

Similar questions