मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
संकेत बिंदू - 1. मजहब का तात्पर्य
2. मजहब के सम्बन्ध आत्मा और मन
3. मानवता की शिक्षा देना
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किरणों का हो बंटवारा, सूरज को तुम मत बांटो. इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि आजकल धर्म के नाम पर बैर, घृणा तथा हिंसा की घटनाएँ बढ़ रही हैं, पर इनके पीछे स्वार्थी एवं मदांध धर्माचार्यों का हाथ होता है. हमें याद रखना चाहिए कि धर्म व्यक्ति से जोड़ता है, तोड़ता नहीं. इसलिए इकबाल ने कहा था 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना'.
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