'मजदूर की व्यथा' इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
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⍟ Ꭺиѕωєя ➪
मजदूरों की व्यथा हरि अनंत हरि कथा अनंता जैसी है। असंगठित क्षेत्र के मजदूर सबसे अधिक शोषण के शिकार होते हैं। श्रम शक्ति जवाब दे जाने के बाद वे दाने-दाने को मोहताज हो जाते हैं। ये स्थिति प्राय: सभी क्षेत्रों के मजदूरों की है। हर वर्ष मजदूर दिवस पर मजदूरों के हालत पर चिंता व्यक्त करने की औपचारिकता पूरी की जाती है। सब अपने हिसाब से चलता रहता है। स्थानीय छोटी पहाड़ी निवासी मथुरा पासवान की कमर झुकी ही नहीं बल्कि ऐंठ गयी। कभी एक क्विंटल तक अनाज के बोरे हंसते-खेलते ढोते थे। अब इन्हें खुद लाठी का सहारा लेना पड़ रहा है। इनके इस हालात में न तो श्रम संसाधन विभाग का कानून सहायक बन रहा है और न ही कोई मजदूर संगठन। पैसे के अभाव में अंत्योदय का अनाज भी नहीं खरीद पाते। बेटा विक्षिप्त है। दूसरा मजदूरी करता है। मथुरा पासवान कहते हैं कि बड़ी मुश्किल से जी रहे हैं। इस हालात में असंगठित क्षेत्र के सैकड़ों मजदूर जी रहे हैं |