Hindi, asked by ADMN4161, 1 year ago

Majhya angnaat poem in hindi

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Answered by aasthachaurasia361
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Answer:

मुश्किलें जरुर है, मगर ठहरा नही हूं मैं

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैं

कदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,

रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैं

सब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,

दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैं

दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,

मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैं

साथ चलता है, दुआओ का काफिला

किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूं मैं....

इंटरनेट पर हमें इन कविताओं के रचयिता का नाम नहीं मिला है। अगर किसी को इनके रचनाकारों का नाम पता हो तो हमें बताएं हमें उसे सार्वजनिक करने में खुशी होगी।

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