मक्खी मकड़ी के जाल में फँस गई थी। फिर क्या हुआ होगा? कहानी आगे बढ़ाओ।
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फिर वह जाल से निकलनेकी पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन वह जीतनी कोशिश करती
उतनी वो वह फस्ती जाती। और फिर आखिर में वह मर गई।
मक्खी मकड़ी के जाल में फँस गई थी। फिर क्या हुआ होगा? कहानी निम्न प्रकार से लिखी गई है।
एक मक्खी थी। वह उड़ते उड़ते मकड़ी के जाल में फंस गई।
उस मक्खी ने बहुत प्रयत्न किया परन्तु मकड़ी के जाल से नहीं निकाल पायी ।
मक्खी अपना पेट भरने के लिए उस घर में आयी थी, उसे लगा जब उस घर में सदस्य खाना खाने बैठेंगे तो वह किसी के भी भोजन की थाली में बैठ कर खा लेगी।
जब वह रसोई घर के पास से गुजर रही थी तो उड़ते उड़ते उस कमरे में चली गई जहां काम में न आने वाली वस्तुएं रखते है तथा अनाज रखते है। उस कमरे में एक कोने में मकड़ी का जाल लगा हुआ था जिसमें वह फंस गई थी।
पूरा दिन वह मक्खी उस जाल में फंसी हुई थी, अगले दिन सुबह उस कमरे में उसने किसी के आने की आहट सुनी, उसने देखा कि घर में नौकरानी झाड़ू लिए अा रही है , नौकरानी उस कमरे की सफाई करने आयी थी।
उस कोने में भी नौकरानी ने झाड़ू से जाल निकाला , जैसे ही जाल खुला मक्खी वहां से भाग खड़ी हुई।
इस प्रकार वह आज़ाद हो गई।
शीर्षक - इस कहानी का उपयुक्त शीर्षक है " जाल में फंसी मक्खी " ।