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मक्खियाँ उड़ रही थीं।
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एक-दो व्यक्ति सिर पर तौलिया या गमछा रखे हुए या मजबूती से छाता ताने हुए
फुर्ती के साथ लपकते हुए सामने से
जाते।
गुजर
हडिया की तरह फूला हुआ था। उसका मुंह खुला हुआ था आर उस पर
वह उठी, बच्चे के मह पर अपना एक फटा, गंदा ब्लाउज डाल दिया और
एक-आध मिनट सुन्न खड़ी रहने के बाद बाहर दरवाजे पर जाकर किवाड की आड़
से गली निहारने लगी। बारह बज चुके थे। धूप अत्यंत तेज़ थी और कभी-कभी
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understanding the question
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woah shakes Sunday since since dino still stands
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