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मामाच्या गावाता कान-काम marathi
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Explanation:
सामान्य रूप से कान में दर्द किसी संक्रमण या जुकाम के कारण होता है लेकिन कभी-कभी कुछ अन्य कारणों से भी कान दर्द की समस्या हो जाती है। कान के मध्य से लेकर गले के पीछे तक यूस्टेशियन ट्यूब होती है, यूस्टेशियन ट्यूब कान के बीच तरल पदार्थ का उत्पादन करती है इसलिए इसके अवरूद्ध होने पर तरल पदार्थ का निर्माण अधिक होने से यह कान के पर्दे पर दबाव डालकर कान में दर्द का कारण बनती है और उपचार न होने पर यह तरल पदार्थ संक्रमित होकर कान में संक्रमण पैदा करता है।
Ear pain
बच्चों में यह समस्या ज्यादातर तब देखी जाती है जब कान की नलिका को कॉटन या किसी तेज चीज से साफ करने पर चोट पहुँचती है। कईं बार कान में साबुन, शैम्पू या पानी के रह जाने से भी दर्द होने लगता है। आमतौर पर कान में दर्द होना किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं है लेकिन यह बहुत पीड़ादायक होता है।
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कान का दर्द क्या है? (What is Ear Pain?)
आयुर्वेदीय ग्रन्थों में कान दर्द को कर्णशूल कहा गया है, इसमें वात, पित्त, कफ और रक्त दूषित होते है। अनुचित आहार-विहार से कान में स्थित वायु प्रकुपित हुए वात, पित्त, कफ और रक्त दोषों से मिलकर असामान्य रुप से गति करती है अतः कान में चारो ओर तेज दर्द उत्पन्न होता है।
कान दर्द के कारण (Causes of Ear Pain in Hindi)
कान में दर्द सिर्फ एक वजह से नहीं होता है। इसके होने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं-
सर्दी और जुकाम यदि ज्यादा दिनों तक बना रहे तो कान में दर्द हो सकता है।
कान के पर्दे के फटने या कान के पर्दे में छेद होने पर कान में दर्द हो सकता है इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे, कान में कोई वस्तु डालना, सिर पर गंभीर चोट, बहुत तेज आवाज, मध्य कान में संक्रमण होना।
ओटाइटिस मीडिया बच्चों में कान दर्द का एक आम कारण है। यह मध्य कान में होने वाला एक संक्रमण है। इसमें कान में बहुत तेज दर्द होता है। इसके अन्य लक्षणों में तेज बुखार, लगातार कान में दर्द, सुनने में कठिनाई होती है।
कान में पानी जाने की वजह से या वैक्स जमा होने की वजह से भी कान में दर्द रहता है।
बच्चों में कान दर्द का सबसे आम कारण इंफेक्शन या कोल्ड है या फिर किसी तेज चीज से कान को साफ करने से दर्द हो जाता है।
कई बार नहाते समय साबुन या शैम्पू के कान रह जाने से भी कान में दर्द होता है।
इयर बैरोट्राँमा ज्यादातर स्काइडाइविंग, स्कूवा डाइविंग या हवाई जहाज की उड़ानों के दौरान अनुभव होता है,जैसे जब विमान लैंडिंग के लिए उतरता है तब वायुमंडलीय दबाव और कान दबाव में अंतर मध्य कान में वैक्यूम पैदा कर कान के पर्दे पर दबाव डालता है जिसके कारण कान में दर्द होता है। बैरोट्रॉमा का मुख्य कारण कान के दबाव में अचानक परिवर्तन होना है तथा इसके अन्य कारणों में गले में सूजन, एलर्जी से नाक का बंद होना, श्वसन संक्रमण है। बैरोट्रॉमा की स्थिति में कान में दर्द तथा कान भरा हुआ महसूस होता है।
कान के पर्दे का फटना भी कान दर्द का एक मुख्य कारण है। किसी भी वजह से इस संवेदनशील जगह पर क्षति पहुँचने से कान में दर्द होने लगता है। कान का पर्दा कान में पेन, सेफ्टीपिन या कोई अन्य नुकीली वस्तु के डालने से, सिर पर गंभीर चोट, बहुत तेज ध्वनि सुनना, इसके कारण है।
किसी बारीक चीज से कान में खुजलाने से।
साइनस के संक्रमण के कारण भी कान दर्द की समस्या हो जाती है। साइनस हमारे माथे, नाक की हड्डियों, गाल और आँखों के पीछे खोपड़ी में पाया जाने वाला हवा भरा रिक्त स्थान है। स्वस्थ साइनस से प्रवाह कर सकती है परंतु साइनस के म्यूकस से अवरुद्ध होने से वहाँ पर संक्रमण हो जाता है तथा साइनस में सूजन आ जाती है। इस कारण से कान में दर्द होने लगता है।
दाँत में बैक्टिरीयल इंफेक्शन होने की वजह से भी कान में दर्द होने लगता है। दाँत में कैविटी या संक्रमण होने से, कई बार यह संक्रमण दाँतों का समर्थन करने वाली हड्डियों तक फैलकर गंभीर दर्द का कारण बनता है।
जबड़े में सूजन होना।
कान में फुंसी होना।
कान में किसी बाहरी वस्तु या कीड़े के घुसने से भी दर्द होता है।
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कान दर्द रोकने के उपाय (How to Prevent Ear Pain in Hindi)
कान में दर्द होना एक आम समस्या है। लेकिन इसके होने के संभावना को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। चलिये एक बार इस पर नजर डालते हैं.
कान में दर्द का एक कारण साइनस या सर्दी-जुकाम भी है अत: कान दर्द के रोगी को ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कफकारक आहार नहीं करना चाहिए।
जंकफूड एवं बासी भोजन का सेवन एकदम ना करें।
नहाने के समय पानी या साबुन के कान में जाने से बचाव करना चाहिए।
किसी तेज या नुकीली वस्तु से कान को साफ नहीं करना चाहिए।
नियमित रुप से प्राणायाम एवं योगासन करना चाहिए।
बहुत तेज ध्वनि से बचाव करना चाहिए।
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कान दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्खे (Home Remedies for Ear Pain in Hindi)
कान दर्द कभी-कभी मौसम के कारण भी होता है। आम तौर पर लोग कान दर्द होने पर पहले घरेलू नुस्खे ही आजमाते हैं।
लहसुन की कली कान दर्द में फायदेमंद (Garlic help to get relief from Ear Pain in Hindi)
–लहसुन की कली, अदरक, सहजन के बीज, मूली और केले का पत्ता इनका अलग-अलग या एक साथ रस निकालकर गर्म ही कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
–2-3 बारीक कटी लहसुन की कलियों को सरसों के तेल के साथ गरम करें। इस तेल को ठण्डा कर के छान ले। इस तेल की 2-3 बूँद कान में डालने से तुरन्त आराम मिलता है।
प्याज का रस डालने से कान दर्द होता है कम (Onion : Home remedy for Ear pain in Hindi)
एक चम्मच प्याज का रस हल्का गुनगुना गर्म कर लें।
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