मलबे का मालिक कहानी के आधार पर अब्दुल गनी की व्यवस्था का चित्रण कीजिए ?
Answers
hii mate
मोहन राकेश की प्रतिभा कहानी, नाटक और उपन्यास—सभी क्षेत्रों में अपने कांचन-स्पर्श से एक नयी छाप छोड़ती है। अपने दूसरे संग्रह 'नये बादल' की भूमिका में वे स्पष्टत: स्वीकारते हैं कि उन्होंने और अपनी कथा-पीढ़ी ने 'यथार्थ की अपेक्षाकृत ठहरे हुए अर्थात् वैयक्तिक और पारिवारिक रूप को अपनी रचनाओं में अधिक स्थान दिया है।' किंतु बहुत दूर तक कलाकार केवल ऐसी ही रचनाएं नहीं कर सकता जो किसी एक वैयक्तिक धारा की ही हों और अपने सामाजिक संदर्भों से कटी हुई रह सकें। फलत: राकेश के यहां भी ऐसी कहानियां हैं जो अपने समय-संदर्भों से गंभीर रूप से जुड़ी हुई हैं। इन कहानियों में 'मलबे का मालिक' तथा 'परमात्मा का कुत्ता' विशेष रूप से रेखांकित की जा सकती हैं। राकेश की इस कहानी को विभाजन की विभीषिका पर लिखी हिंदी की ही नहीं अपितु भारतीय भाषाओं की अत्यंत श्रेष्ठ कहानियों में नि:संकोच रूप से रखा जा सकता है। राकेश की यह कहानी इसलिए भी बहुत सशक्त बन सकी है कि इसमें उनकी व्यक्तिवादी दृष्टि जो सम्बंधों की बारीकियों का बहुत सूक्ष्मता से अंकन करती है उनकी सामाजिक दृष्टि से संयुक्त हो जाती है,