Hindi, asked by ved020203, 3 months ago

. मम्मट के काव्य प्रयोजन है​

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Answered by aisha2006oppo
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Answer:

आचार्य मम्मट –

उनके अनुसार: काव्यं यशसेऽर्थकृते व्यवहारविदे शिवेतरक्षतये। सद्यः परिनिर्वृत्तये कान्तासम्मित तयोपदेशयुजे।। अर्थात् काव्य यश के लिए, अर्थ प्राप्ति के लिए, व्यवहार ज्ञान के लिए, अमंगल शान्ति के लिए, अलौकिक आनन्द की प्राप्ति के लिए और कान्ता के समान मधुर उपदेश प्राप्ति के लिए प्रयोजनीय होते है।

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