Hindi, asked by shivani2608solanki, 5 months ago

mamta - Jaishankar kahani ka udeshya

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Answered by samrudhikarwar47
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ममता' कहानी में ममता के चरित्र के त्याग, संतोष, सेवा, सहयोग तथा संग्रह की प्रवृत्ति से विमुखता आदि का चित्रण है। 'ममता' अपने पिता से प्राप्त उत्कोच के स्वर्ण को उपहार रूप में स्वीकार नहीं करती। उसकी दृष्टि में वह अर्थ नहीं अनर्थ है। वह रोहतास दुर्ग को त्यागकर चली गई है।

Answered by sharmakiransh
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Answer:

ममता’ कहानी में ममता के चरित्र के त्याग, संतोष, सेवा, सहयोग तथा संग्रह की प्रवृत्ति से विमुखता आदि का चित्रण है। ‘ममता’ अपने पिता से प्राप्त उत्कोच के स्वर्ण को उपहार रूप में स्वीकार नहीं करती। उसकी दृष्टि में वह अर्थ नहीं अनर्थ है। वह रोहतास दुर्ग को त्यागकर चली गई है। वह अपनी झोपड़ी को भी अन्त में छोड़ जाती है। उसके चरित्रांकन के द्वारा इन मानवीय गुणों की महत्ता बताना कहानी की रचना का उद्देश्य है। कहानी में त्याग, अतिथि-सत्कार, दया तथा अनावश्यक वस्तुओं के संग्रह से बचने का संदेश दिया गया है।

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