Hindi, asked by rvrvrvayush2, 9 months ago

man ka hare haar man ka jeete jeet par 1 sa 2 min ki Speech in hindi

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Answered by ItzDazzingBoy
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यदि मनुष्य के मन में दुर्बलता है तो वह अपने जीवन में सफल नहीं होता. वह आसान काम करने में भी घबराता है. वहीँ मजबूत मनःस्थिति वाला व्यक्ति कठिन से कठिन कार्यो को भी हँसते हुए निपटा देता है.

मनुष्य का मन प्रायः चंचल हुआ करता है . मनुष्य के मन में कभी अच्छे तो कभी बुरे, कभी सकारात्मक तो कभी नकारात्मक, सैकड़ों तरह के विचार आते जाते रहते हैं. यदि मनुष्य अपने मन को अपने वश नहीं कर पाता तो मन उसे अच्छे कार्यों के मनन चिंतन की बजाय व्यर्थ कार्यों के सोच विचार में ज्यादा उलझा देता है. इसलिए व्यक्ति प्रायः अपने आप में तनाव ग्रस्त तथा चिडचिडेपन का अनुभव करता है. व्यर्थ या फ़ालतू बातों के सोच विचार में मन की अनमोल शक्ति नष्ट हो जाती है. व्यक्ति शांति की बजाय अशांति और तनाव अनुभव करता है.

जबकि समर्थ उअर भले कार्यों के बारे में सोचने से मानव के मन में उर्जा व्यर्थ नहीं होती. वह समस्त उर्जा एकत्रित होकर मनुष्य के मन की एक बहुत बड़ी शक्ति बन जाती है.

मनुष्य किसी भी सफलता को पाने के पूर्व हार क्यों जाता है? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसका मन हार जाता है. इस कारण वह सफलता पाने का पूरा प्रयास नहीं कर पाता है. ठीक उसी तरह से जैसे एथलीट अपने लक्ष्य के निशान से पहले ही हांफने लगता है.

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Answered by Anonymous
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मन के हारे हार है, मन के जीते जीत

मनुष्य के जीवन में पल-पल परिस्थितीयाँ बदलती रहती है। जीवन में सफलता-असफलता, हानि-लाभ, जय-पराजय के अवसर मौसम के समान है, कभी कुछ स्थिर नहीं रहता। जिस तरह ‘इंद्रधनुष के बनने के लिये बारिश और धूप दोनों की जरूरत होती है उसी तरह एक पूर्ण व्यक्ति बनने के लिए हमें भी जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों से होकर गुजरना पड़ता है।‘ ।हमारे जीवन में सुख भी है दुःख भी है, अच्छाई भी है बुराई भी है। जहाँ अच्छा वक्त हमें खुशी देता है, वहीं बुरा वक्त हमें मजबूत बनाता है। हम अपनी जिन्दगी की सभी घटनाओं पर नियंत्रण नही रख सकते, पर उनसे निपटने के लिये सकारात्मक सोच के साथ सही तरीका तो अपना ही सकते हैं। कई लोग अपनी पहली असफलता से इतना परेशान हो जाते हैं कि अपने लक्ष्य को ही छोङ देते हैं। कभी-कभी तो अवसाद में चले जाते हैं।

अब्राहम लिंकन भी अपने जीवन में कई बार असफल हुए और अवसाद में भी गए, किन्तु उनके साहस और सहनशीलता के गुण ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ सफलता दिलाई। अनेकों चुनाव हारने के बाद 52 वर्ष की उम्र में अमेरिका के राष्ट्रपती चुने गए।

दोस्तों, हर रात के बाद सुबह होती है। जिन्दगी हँसाती भी है रुलाती भी है,जो हर हाल में आगे बढने की चाह रखते हैं जिन्दगी उसी के आगे सर झुकाती है। हम जो भी कार्य करना चाहते हैं उसकी शुरुआत करें, आने वाली बाधाओं को सोच कर बैठ न जाएं। कई लोग सफल तो होना चाहते हैं किन्तु थोङी सी असफलता से परेशान हो जाते हैं और कहने लगते हैं कि हम तो ये नही कर सकते या ये मुझसे ये नही हो सकता। भाई, ऐसा कौन सा काम है जो इंसान नही कर सकता। हम ये क्यों नही सोचते कि हम ये काम कर सकते हैं और आज नही तो कल अपना लक्ष्य जरूर हासिल कर लेंगे|

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