Man ke Hare Har hai man ke Jeete Jeet essay in hindi 60 words ka
NidhiRat:
plz send me essay plz
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नमस्कार :-
प्रस्तुत पंक्ति का आशय है , की मन से हरने वाला व्यक्ति कभी भी जीतता नहीं है , और जो मन से कड़ा होता है ,मन का पक्का होता है उसकी हमेशा जीवन में जित होती ।
_______________________________
दोस्तों ये कहावत भर मात्र नही यह हकीकत है , हमे जीवन में कभी हार नही माननी चाहिये , अगर हम हारते भी है तो दोबारा प्रयास करना चाहिए जित हमेशा मिलेगी जिस प्रकार आप जानते होंगे सिकंदर की कहानी जो कई बार हरा लेकिन अपने अकथ प्रयाश से अंततः हिदुस्तान पर 17 बार कोसिस करके हारने वाला व्यक्ति चींटी से सिख लेके हिंदुस्तान जितने बड़े देश पर हुकूमत किया क्योंकि उसका मन नही हरा ओ चाहता तो अपने देश जा सकता था , लेकिन उस सिकन्दर ने ऐसा नहीं किया अतः यह कहानी हमे सिख देती है कि दृढ़ संकल्पी बनो इरादों को मजबूत करो दुनिया तुम्हारी कदम चूमेगी , कभी हार मत मानो अपने आप में एक राजा समझो तभी तुम सभी जगह पे सर उठा के चल सकते हो , दुनिया वालो का प्रवाह मत करो , दुनिया वाले जब हम जीतेंगे तो ओ भी हमे सलाम करेंगे ।
अतः मन से मजबूत बनो मन को अडिग रखो कभी भी मन से हारो नही तो जीती बजी हार जाओगे ।
★★★★★★★★★★★★★★★★
आसा है ,मदद होगी ।
@राजकुमार111
प्रस्तुत पंक्ति का आशय है , की मन से हरने वाला व्यक्ति कभी भी जीतता नहीं है , और जो मन से कड़ा होता है ,मन का पक्का होता है उसकी हमेशा जीवन में जित होती ।
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दोस्तों ये कहावत भर मात्र नही यह हकीकत है , हमे जीवन में कभी हार नही माननी चाहिये , अगर हम हारते भी है तो दोबारा प्रयास करना चाहिए जित हमेशा मिलेगी जिस प्रकार आप जानते होंगे सिकंदर की कहानी जो कई बार हरा लेकिन अपने अकथ प्रयाश से अंततः हिदुस्तान पर 17 बार कोसिस करके हारने वाला व्यक्ति चींटी से सिख लेके हिंदुस्तान जितने बड़े देश पर हुकूमत किया क्योंकि उसका मन नही हरा ओ चाहता तो अपने देश जा सकता था , लेकिन उस सिकन्दर ने ऐसा नहीं किया अतः यह कहानी हमे सिख देती है कि दृढ़ संकल्पी बनो इरादों को मजबूत करो दुनिया तुम्हारी कदम चूमेगी , कभी हार मत मानो अपने आप में एक राजा समझो तभी तुम सभी जगह पे सर उठा के चल सकते हो , दुनिया वालो का प्रवाह मत करो , दुनिया वाले जब हम जीतेंगे तो ओ भी हमे सलाम करेंगे ।
अतः मन से मजबूत बनो मन को अडिग रखो कभी भी मन से हारो नही तो जीती बजी हार जाओगे ।
★★★★★★★★★★★★★★★★
आसा है ,मदद होगी ।
@राजकुमार111
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57
Heya guys.........
ur answer r available there......
मनुष्य के जीवन में पल-पल परिस्थितीयाँ बदलती रहती है।=_=..…...
जीवन में सफलता-असफलता, हानि-लाभ, जय-पराजय के अवसर मौसम के समान है, कभी कुछ स्थिर नहीं रहता। ^_^
हम या हमारी इन्द्रियाँ जो कुछ भी करती – कहती है, उन्हें करने – कहने का इरादा या विचार पहले मन ही में बनता है |
मानव मन में आई निराशा की भावना अकसर तन और मन दोनों को कमजोर बनाती है > _<
इसी कारण हर स्थिति में ‘मन बनाए रखने’, ‘मन को चंचल, अस्थिर, या डांवाडोल न होने देने’ की प्रेरणा दी जाती है
क्योंकि मन मानव की समस्त इच्छाओं का केंद्र होता है जो वास्तविक हार और सच्ची जीत के रूप में व्यावहार में दिखाई पड़ता है |
कहने का तात्पय यह है कि
सफलता पाने के लिये यह बहुत जरुरी है कि हम अपने मन की शक्ति को सिर्फ अपने लक्ष्य के कार्य में लगायें. यदि इधर उधर की फ़ालतू बातें हमारे दिमाग में आती हैं तो उसे दिमाग से निकालकर अपने लक्ष्य पर फोकस बनाये रखना चाहिए.
हमें दूसरों की कमजोरियों और गलतियों की ओर नहीं देखनी चाहिए. अपने अपने मन के अन्दर झांक कर देखना चाहिए. अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए. यह हमें और भी शक्तिशाली बनने में सहायक होगा. ऐसा कर हम निरंतर परिष्कृत होकर सफल होते चले जायेंगे.
sabhi ko apne future pe dhayan dena chahiye...
social media per to bulkul bhi nhi Jana chahiye
kyoki ye sab hamare man ko thode din kush rakhte h baki life to spoil hi ho jati h.........
hey my dear friends I hopes my answer will very helpful for ur study and ur life......
thanks
@@rti...............
Be happy always.to ............
ur answer r available there......
मनुष्य के जीवन में पल-पल परिस्थितीयाँ बदलती रहती है।=_=..…...
जीवन में सफलता-असफलता, हानि-लाभ, जय-पराजय के अवसर मौसम के समान है, कभी कुछ स्थिर नहीं रहता। ^_^
हम या हमारी इन्द्रियाँ जो कुछ भी करती – कहती है, उन्हें करने – कहने का इरादा या विचार पहले मन ही में बनता है |
मानव मन में आई निराशा की भावना अकसर तन और मन दोनों को कमजोर बनाती है > _<
इसी कारण हर स्थिति में ‘मन बनाए रखने’, ‘मन को चंचल, अस्थिर, या डांवाडोल न होने देने’ की प्रेरणा दी जाती है
क्योंकि मन मानव की समस्त इच्छाओं का केंद्र होता है जो वास्तविक हार और सच्ची जीत के रूप में व्यावहार में दिखाई पड़ता है |
कहने का तात्पय यह है कि
सफलता पाने के लिये यह बहुत जरुरी है कि हम अपने मन की शक्ति को सिर्फ अपने लक्ष्य के कार्य में लगायें. यदि इधर उधर की फ़ालतू बातें हमारे दिमाग में आती हैं तो उसे दिमाग से निकालकर अपने लक्ष्य पर फोकस बनाये रखना चाहिए.
हमें दूसरों की कमजोरियों और गलतियों की ओर नहीं देखनी चाहिए. अपने अपने मन के अन्दर झांक कर देखना चाहिए. अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए. यह हमें और भी शक्तिशाली बनने में सहायक होगा. ऐसा कर हम निरंतर परिष्कृत होकर सफल होते चले जायेंगे.
sabhi ko apne future pe dhayan dena chahiye...
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kyoki ye sab hamare man ko thode din kush rakhte h baki life to spoil hi ho jati h.........
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