'मन, बेलगाम घोड़ा' विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। उत्तर: -
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बेलगाम घोड़े का अर्थ है कि जैसे बेलगाम घोड़ा कहीं भी कहा भी जो चाहे वह कर देता है जब उसके मन में जो भी आता है वह उसे वैसे ही कर देता है जब चाहे तब यहां वहां घूम लेता है चला जाता है भाग जाता है वैसे ही मनुष्य का मन भी एक बेलगाम घोड़ा हो गया है मनुष्य का मन बेलगाम घोड़े जैसा यहां वहां भटक रहा है मनुष्य ने बहुत प्रगति कर ली है परंतु इतना सब हो जाने के बाद भी इतनी प्रगति कर लेने के बाद भी मनुष्य को और आगे बढ़ना है मनुष्य के अंदर बहुत सारी खूबियां है लेकिन उन खूबियों को कहां इस्तेमाल करना चाहिए यह मनुष्य को नहीं पता इंटरनेट सोशल मीडिया डिजिटल ट्रांसफर ऐसी बहुत सी मुझे मनुष्य ने बनाई है लेकिन इन सब में कहीं ना कहीं मनुष्य के मन में खोट आ जाता है मनुष्य कितने भी प्रगति कर ले लेकिन उसका मन नहीं भरता मनुष्य के मन को लगाम चाहिए लगाम न होने के कारण मनुष्य बहुत सी ऐसी गलत चीजें कर देता है गलत चीजें बोल देता है जो उसे नहीं बोली या करनी चाहिए मनुष्य के मन में जब जो आता है तब वह से कर देता है इसका विचार नहीं करता कि सामने बैठे व्यक्ति को कैसा लगेगा किसी की भी बुराई कर देता है अलग-अलग गंदे नशे करता है समय बर्बाद करता है और बहुत सी ऐसी चीज है जिससे मनुष्य को हानि होती है वह वह सारी चीजें कर देता है अगर मनुष्य के मन को लगाम होता तो हमारा देश आज ऊंचाइयों पर होता यह ऊंचाइयों पर जाने के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं थोड़े पैसों के लिए मनुष्य दूसरे व्यक्ति को परेशान करता है बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां जिनसे रोल्स बहुत सारा प्रदूषण होता है अगर वह बंद हो जाएगा तो सबके लिए बहुत अच्छा होगा सबका जीवन बढ़ जाएगा परंतु व्यक्ति यह सब होने नहीं देता थोड़े पैसों के लिए वह दूसरे व्यक्ति की जान पर उठ जाता है आज भी हमारे देश में औरतें रात को बाहर नहीं जा सकती क्योंकि वह रात को बाहर सुरक्षित नहीं है अगर मनुष्य का मन लगा में होता तो वह जा सकती थी लेकिन अभी भी समय गया नहीं है अगर मनुष्य अपने मन पर काबू रखें और सब के साथ आगे बढ़े तो वह दुनिया की उस ऊंचाई पर जा सकता है जिसने कभी विचार भी नहीं किया