Hindi, asked by saifihaaris, 14 hours ago

मनोबल या मानलसक शक्तत का प्रत्येक व्यक्तत में अींतर पाया जाता ै।शरीर तो यींत्र ै उसमें कोई-न-कोई खराब ोते र ना स्वाभाववक ै।शरीर सखू सकता ै,जल सकता ै,उस पर भौनतक तत्व अपना प्रभाव डाल सकता ैं। परींत मन तो तन को शक्तत प्रदान करता ै ।तन थक जाता ै, मन उसे शक्तत देकर पन: खड़ा कर देता ै।इसके ववपरीत यहद मन थक जाता
ै तो तन प्रयास करने के बावजदू भ उसको शक्तत प्रदान न ीीं कर सकता।बबना मन के काम करने कभ सफ़लता न ीीं लमल सकत।म ापरुषों के जवन –चररत्र पढ़ने पर ज्ञात ोता ै कक इन लोगों में मनोबल अथवा मानलसक शक्तत प्रबल थ ।मट्ठी भर ड्डडयों को लेकर म ात्मा गााँध ने व कर हदया जो अस म शक्तत रखने वाला व्यक्तत भ न ीीं कर सकता था। मनष्य जो भ सफ़लता प्राप्त करता ै,अपन इच्छाशक्तत और मनोबल के आधार पर करता ै। यहद मनष्यकामनमरजाता ैतोउसके ललएसींसारमेंकछनीींर जाता।चारोंओरसे ननराशाघेरलेत ै।जबतकउसकीहम्मतबन रत ैव बड़े-से-बड़ेसघीं षयसेभ नीीं
कक्षा – नव ीं
ववषय: ह दीं ी प्रथम इकाई-परीक्षा 1

(क)
(ख)
(ग)
(घ) (ड)
प्रश्न-2 प्रश्न-3 प्रश्न-4
प्रश्न-5 प्रश्न-6
प्रश्न-7
घबराता। जब तक मनष्य में धैयय और ह म्मत ै व आगे बढ़ने का प्रयास करता र ता ै। व शाींत ोकर न ीीं बठै ता । मनष्य की मानलसक शक्तत उसकी इच्छाशक्तत पर ननभरय करत
ै।क्जस मनष्य की इच्छाशक्तत क्जतन बलवत ोग उसका मन उतना ी दृढ़ और सींकल्पवान ोगा। इस इच्छाशक्तत को कभ –कभ म दैव शक्तत का नाम भ दे देते ै।य व ी दैव शक्तत ै क्जसके आगे करोड़ों लोग नत-मस्तक ो जाते ै।प्रबल इच्छाशक्तत के दवारा मानव एक बार मत्ृ य के क्षर्ों को भ टाल सकता ै।भ ष्म वपताम की प्रनतज्ञा उनकी प्रबल इच्छाशक्तत और मानलसक दृढ़िा का ी पररर्ाम थ । बाधाएाँ तो सभ के मागय में रुकावट डालत ै,चा े व साधारर् व्यक्तत ो या म ान व्यक्तत।अींतर केवल इतना ोता ै कक साधारर् मनष्य का मन ववपवत्तयों को देखकर जल्दी ार मान लेता ै जबकक म ान एवीं प्रनतभाशाली व्यक्तत मानलसक बल के आधार पर उस पर ववजय प्राप्त कर लेता ै।

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Answered by pabykt
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kis class ka hai aur kya hai

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